गजब: देहरादून में डॉक्टरों ने सर्जरी से बनाई आहार नाल, 1 साल के बच्चे को दी नई जिंदगी
बच्चे को जन्म से ही आहार नाल नहीं थी, माता-पिता भी उसे यूं ही तड़पते देखने को मजबूर थे...
Dec 18 2019 4:34PM, Writer:कोमल
आहार नाल...शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से एक। ये ना हो तो जिंदगी लाचारी से ज्यादा कुछ नहीं। देहरादून में एक साल का मासूम जैद भी शरीर की इसी लाचारी से जूझ रहा था। जिस उम्र में बच्चे बोल तक नहीं पाते, उस उम्र में जैद अपनी परेशानी बताता भी तो कैसे। वो खाना नहीं खा पाता था, माता-पिता भी उसे यूं ही तड़पते देखने को मजबूर थे। एक बार को माता-पिता को लगा शायद उनके लाडले को अब इसी कमी के साथ जीना पड़ेगा, पर श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के डॉक्टर इस परिवार के लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आए। अस्पताल के सर्जन डॉ. मधुकर मलेठा और उनकी टीम ने सफल सर्जरी कर बच्चे की आहार नाल बनाई, और इस तरह ये बता दिया कि डॉक्टर को धरती का भगवान क्यों कहते हैं। कुदरत ने जैद को जो कमी दी थी, उसे डॉक्टरों ने खत्म कर जैद को संपूर्ण बना दिया।
यह भी पढ़ें - बीरोंखाल ब्लॉक में अंगीठी का धुंआ बना जानलेवा, मां और 3 साल की बेटी की मौत
नवजात में जन्म से आहार नाल का ना होना एक दुर्लभ बीमारी है। जो कि साढ़े तीन हजार बच्चों में से किसी एक को होती है। दुर्भाग्य से जैद भी इन बच्चों में से एक था। जैद का परिवार आजाद कॉलोनी में रहता है। मां अफसाना ने बताया कि जैद को जन्म से ही आहार नाल नहीं थी। चिकित्सीय भाषा में इस बीमारी को इसोफेजियल एट्रेसिया कहा जाता है। जन्म के बाद जैद का पहला ऑपरेशन किया गया। जिसमें आहार नाल के लिए बेस तैयार किया गया। 23 नवंबर को जैद का दूसरा ऑपरेशन हुआ। जो कि करीब 6 घंटे चला। ऑपरेशन में डॉक्टरों ने गले से पेट तक जाने वाली आहार नाल तैयार की, इस तरह जैद को दूसरी जिंदगी मिली। अब जैद मुंह से फीडिंग कर पा रहा है और पूरी तरह स्वस्थ है। श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में अब तक ऐसे 150 केस ऑपरेट किए जा चुके हैं।