image: Bsf martyr anil bhatt funeral in Rishikesh

उत्तराखंड: शहीद अनिल भट्ट की सैन्य सम्मान के साथ विदाई, 15 दिन पहले ही छुट्टी से लौटे थे

अनिल जब 15 दिन पहले ड्यूटी पर जा रहे थे तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि अब वो तिरंगे में लिपटे हुए लौटेंगे...
Dec 23 2019 4:58PM, Writer:komal

उत्तराखंड एक बार फिर शोक में है, सदमे में है। पहाड़ का एक और लाल देश की सेवा करते-करते शहीद हो गया। शहीद जवान का नाम अनिल भट्ट है, वो टिहरी गढ़वाल के रहने वाले थे। रविवार को शहीद अनिल भट्ट को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। शहीद का अंतिम संस्कार ऋषिकेश के पूर्णानंद घाट पर हुआ, जहां उनके दस साल के बेटे नमन ने पिता के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी। सेना के जवानों ने फायर दागकर शहीद को अंतिम सलामी दी। शहीद अनिल भट्ट सीमा सुरक्षा बल में थे। इन दिनों उनकी तैनाती कोलकाता में थी। वो मूल रूप से टिहरी गढ़वाल, घनसाली के जखनियाल गांव के रहने वाले थे। उनका परिवार प्रेमनगर डोईवाला में रहता है। परिवार में माता-पिता, पत्नी और 10 साल का बेटा नमन है।

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बीएसएफ जवान अनिल भट्ट कुछ दिन पहले ही छुट्टी पर अपने घर आए हुए थे। उस वक्त किसे पता था कि ये छुट्टियां उनकी जिंदगी की आखिरी छुट्टियां साबित होंगी। मासूम नमन पिता के यूं चले जाने से बिलख रहा है। बूढ़े माता-पिता का भी रो-रोकर बुरा हाल है। 15 दिन पहले जब अनिल छुट्टी काटकर ड्यूटी पर गए तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि अब वो तिरंगे में लिपटे हुए लौटेंगे। अनिल कोलकाता में 158वीं बटालियन बीएसएफ में तैनात थे। कोलकाता में ड्यूटी के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। साथी जवान उन्हें अस्पताल ले गए, पर अनिल भट्ट बच नहीं सके। रविवार को ऋषिकेश के घाट में शहीद को अंतिम विदाई दी गई। शहीद की अंतिम यात्रा में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे।


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