पहाड़ के छात्रों का अटूट जज्बा..3 फीट बर्फ में मीलों पैदल चलकर पंहुचे कॉलेज, तब दी परीक्षा
पढ़ाई के लिए ऐसा जुनून सिर्फ और सिर्फ उत्तराखंड में ही देखने को मिल सकता है...
Jan 10 2020 7:35PM, Writer:कोमल नेगी
बर्फबारी...कुछ लोगों के लिए मजा, ज्यादातर लोगों के लिए सजा। पहाड़ के लोग इन दिनों भारी बर्फबारी से बेहाल हैं। बर्फबारी की वजह से सड़कें बंद हो गई हैं। कई गांवों में बिजली गुल है, पानी नहीं आ रहा। तापमान माइनस में है। ऐसे मुश्किल वक्त में भी पिथौरागढ़ के छात्रों ने वो नामुमकिन काम कर दिखाया, जिसके बारे में आप और हम कल्पना भी नहीं कर सकते। ये जो तस्वीर आप देख रहे हैं, वो मुनस्यारी की है, जहां गुरुवार को भारी बर्फबारी के बावजूद छात्र-छात्राएं सेमेस्टर एग्जॉम देने पहुंचे थे। पढ़ाई के लिए ऐसा जुनून सिर्फ और सिर्फ उत्तराखंड में ही देखने को मिल सकता है। यहां बच्चे पढ़ाई के लिए कई-कई किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल पहुंचते हैं। बारीश हो, आंधी या तूफान...चाहे कुछ हो जाए, एग्जॉम के वक्त हर छात्र स्कूल-कॉलेज में हाजिर मिलता है।
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गुरुवार को मुनस्यारी कॉलेज में सेमेस्टर एग्जॉम देने आए छात्रों में भी यही जुनून दिखा। मुनस्यारी में तापमान माइनस छह डिग्री सेल्सियस है। हर जगह ढाई से तीन फीट बर्फ जमा है और ठंड का तो पूछिए ही मत। इसके बावजूद छात्र कॉलेज में एग्जॉम देने पहुंचे। कॉलेज में ना तो बिजली थी और ना ही अलाव की व्यवस्था, पर छात्रों ने बिना किसी शिकायत के एग्जॉम दिया। बता दें कि गुरुवार को भारी बर्फबारी के अलर्ट के चलते जिले के स्कूल-कॉलेज बंद थे, लेकिन मुनस्यारी कॉलेज में सेमेस्टर एग्जॉम चल रहे हैं। छात्र सुबह-सुबह ही घर से निकल गए थे। ढाई से तीन फीट बर्फ के बीच मीलों पैदल चले और कॉलेज पहुंचकर एग्जॉम दिया। छात्रों के हौसले की बात तो ठीक है, पर इतना रिस्क लेना भी सही नहीं। भारी बर्फबारी के चलते रास्ते बर्फ से ढके थे, ऐसे में छात्रों के साथ हादसा हो सकता था। कॉलेज प्रशासन को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए था। एग्जॉम की डेट आगे खिसकाना संभव नहीं था तो कम से कम अलाव की व्यवस्था तो करनी ही चाहिए थी।