उत्तराखंड में दुखद हादसा...सरकारी स्कूल की दीवार ढही, 11 कक्षा के होनहार बच्चे की मौत
केतन का परिवार बेहद गरीब है। उसके पिता हुकुम सिंह कॉस्मेटिक की ठेली लगाते हैं। पूरे परिवार को उम्मीद थी कि होनहार केतन बड़ा होकर उनके हर संघर्ष को सार्थक कर देगा, पर एक अनहोनी के चलते वो उम्मीद भी खत्म हो गई...
Jan 23 2020 5:56PM, Writer:कोमल नेगी
ऋषिकेश में लापरवाह सरकारी सिस्टम ने एक होनहार छात्र की जान ले ली। बुधवार को शहर के पुष्कर मंदिर मार्ग पर एक सरकारी स्कूल की जर्जर दीवार भरभरा कर गिर गई। दीवार के मलबे में दबने से एक किशोर की मौत हो गई। दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। हादसे में जान गंवाने वाले छात्र का नाम केतन है, वो श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज में 11वीं में पढ़ता था। केतन होनहार था, उसने दसवीं की बोर्ड परीक्षा में 85 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए थे। होनहार केतन बड़ा होकर इंजीनियर, डॉक्टर या वैज्ञानिक बनकर देश की सेवा करता, पर एक हादसे ने सबकुछ खत्म कर दिया। केतन का परिवार बेहद गरीब है। आर्थिक रूप से कमजोर है। उसके पिता हुकुम सिंह कॉस्मेटिक की ठेली लगाते हैं। पूरे परिवार को उम्मीद थी कि होनहार केतन बड़ा होकर उनके हर संघर्ष को सार्थक कर देगा, पर एक अनहोनी के चलते वो उम्मीद भी खत्म हो गई। केतन की मां बिलख-बिलख कर हर किसी से अपने सोना को वापस लौटा आने की गुहार लगा रही है। वो हर किसी से यही कहती रही कि मेरा सोना ट्यूशन गया था, उसे 8 बजे घर आना था, अभी तक नहीं आया। उसे ढूंढकर लाओ।
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केतन शाम को अपने दोस्त विशाल के साथ फिजिक्स का ट्यूशन पढ़ने जाता था। बुधवार को किसी वजह से विशाल ट्यूशन नहीं जा पाया। केतन अकेला ही चला गया। इसी दौरान वो हादसे का शिकार हो गया। अगर विशाल भी केतन के साथ होता तो ना जाने क्या होता। जिस सरकारी स्कूल की दीवार गिरने के चलते हादसा हुआ, वो 64 साल पहले बना था। साल 1956 में बना ये स्कूल क्षेत्र का मुख्य सरकारी स्कूल हुआ करता था। साल 1999 में स्कूल के एक हिस्से में राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय खोल दिया गया। बुधवार शाम करीब सवा छह बजे स्कूल की जर्जर दीवार भरभरा कर गिर गई। दीवार के पास से गुजर रहे तीन लोग मलबे में दब गए। हादसे में 11वीं के छात्र केतन की मौत हो गई। 57 वर्षीय कृपाल सिंह और 65 वर्षीय स्नेहलता गुप्ता भी गंभीर रूप से घायल हैं। दोनों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।