देहरादून के बाद हल्द्वानी में CAA के खिलाफ प्रदर्शन, रातभर धरने पर बैठी मुस्लिम महिलाएं
हल्द्वानी में CAA के खिलाफ प्रदर्शन हुआ...महिलाएं घर का आराम छोड़कर सड़कों पर जमा हैं, हाथों में तख्तियां लेकर सीएए और एनआरसी का विरोध कर रही हैं...
Jan 23 2020 6:04PM, Writer:कोमल नेगी
सीएए और एनआरसी के विरोध की ये तस्वीरें दिल्ली की नहीं अपने हल्द्वानी की हैं, हल्द्वानी में CAA के खिलाफ प्रदर्शन हुआ और यहां भी दिल्ली के शाहीन बाग जैसा मंजर नजर आया। एनआरसी और सीएए के विरोध में सैकड़ों महिलाओं ने ताज चौराहे पर धरना दिया। हल्द्वानी में शुरू हुआ धरना अब बड़े आंदोलन का रूप लेता जा रहा है, जिससे प्रशासन भी घबरा गया है। मुस्लिम महिलाओं का धरना आज भी जारी है। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने 72 घंटे के धरने का ऐलान किया है। कड़ाके ठंड के बावजूद महिलाएं घर का आराम छोड़कर सड़कों पर जमा हैं। हाथों में तख्तियां लेकर सीएए और एनआरसी का विरोध कर रही हैं। महिलाएं रातभर बच्चों के साथ धरने पर बैठी रहीं। ताज चौराहे पर धरना दे रही महिलाओं ने केंद्र सरकार से एनआरसी और सीएए को वापस लेने की मांग की। सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए।
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हल्द्वानी में CAA के खिलाफ प्रदर्शन में आंदोलनकारियों ने कहा कि सीएए और एनआरसी देश की धर्मनिरपेक्षता और संविधान के लिए खतरा हैं। महिलाओं ने सीएए को काला कानून करार दिया। हल्द्वानी में धरने की शक्ल में शुरू हुआ आंदोलन इतना बड़ा रूप ले लेगा ये पुलिस और प्रशासन ने भी नहीं सोचा था। सैकड़ों महिलाएं जब ताज चौराहे पर जुटीं तो पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। पुलिस ने महिलाओं को समझाने की बहुत कोशिश की, पर वो मानने के लिए तैयार नहीं थीं। आंदोलन का ताना बाना बनभूलपुरा में हुई एक बैठक में बुना गया था, जिसकी पुलिस को कानोंकान खबर तक नहीं हुई। पुलिस को इस बारे में तब पता चला जब महिलाएं ताज चौक में इकट्ठा होने लगीं। थानाध्यक्ष से लेकर सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम का भी यही कहना था कि उन्हें आंदोलन के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। महिलाओं ने धरने के लिए पुलिस और प्रशासन से अनुमति भी नहीं ली है, जो कि गलत है। वहीं महिलाओं ने कहा कि जब तक सरकार सीएए और एनआरसी को वापस नहीं लेगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।