पुलवामा अटैक: उत्तराखंड ने खोया था अपना लाल, अब आर्मी अफसर बनना चाहता है शहीद का बेटा
सीआरपीएफ जवान मोहनलाल रतूड़ी mohan lal raturi के शहीद होने के बाद परिवार वाले बुरी तरह टूट गए थे। ऐसे वक्त में उनकी पत्नी सरिता देवी ने किसी तरह हिम्मत जुटाई और परिवार का सहारा बनीं...
Feb 14 2020 4:39PM, Writer:कोमल नेगी
पुलवामा हमले में शहीद हुए 40 सीआरपीएफ जवानों की शहादत ये देश कभी नहीं भूलेगा। पिछले साल आज ही के दिन उत्तराखंड ने भी अपने दो जांबाजों को खो दिया था। कहते हैं वक्त हर घाव भर देता है, पर कुछ जख्म कभी नहीं भरते। हमले की काली यादें जहन में आती हैं तो रूह तक कांप जाती है। हमले में शहीद होने वालों में देहरादून के मोहनलाल रतूड़ी mohan lal raturi भी शामिल थे। मोहनलाल के शहीद होने के बाद परिवारवाले बुरी तरह टूट गए थे। ऐसे वक्त में उनकी पत्नी सरिता देवी ने किसी तरह हिम्मत जुटाई और परिवार का सहारा बनी। पत्नी और बच्चों को परिवार के संरक्षक के यूं चले जाने का दुख तो है, लेकिन शहादत पर गर्व भी है। शहीद मोहनलाल mohan lal raturi की तीन बेटियां और दो बेटे हैं। सबसे बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है। जबकि दो बेटियां पढ़ रही हैं। बड़े बेटे शंकर को सरकारी नौकरी मिल गई है। सबसे छोटा बेटा श्रीराम केवी में दसवीं में पढ़ता है। श्रीराम सेना में अधिकारी बनना चाहता है ताकि देश के दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दे सके। शहीद की पत्नी सरिता देवी कहती हैं कि पति की शहादत के बाद अचानक परिवार की जिम्मेदार उन पर आ गई थी। शुरुआत में हौसला टूटने लगा था, लेकिन अब वह मजबूती के साथ परिवार को आगे बढ़ा रही हैं। उन्होंने सरकार, सीआरपीएफ और सेना का आभार व्यक्त किया। आपको बता दें कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में देश ने 40 जांबाजों को खो दिया था। आतंकी हमले में उत्तराखंड के दो जवान शहीद हुए थे। जिनमें मोहनलाल रतूड़ी mohan lal raturi और वीरेंद्र सिंह शामिल हैं।
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