उत्तराखंड में वायरल हो रही है मुखिया बदलने की खबर, पूरा सच भी जान लीजिए
जब सारे समीकरण भाजपा और मौजूदा मुखिया के पक्ष में हैं तो निजाम को बदलने की हवाई खबर निश्चितत: उनके सियासी विरोधियों ने ही एजेंडा न्यूज की तरह सोशल मीडिया पर उड़ाई लगती है।
Feb 14 2020 4:17PM, Writer:मीत
उत्तराखंड की फिज़ाओं में एक हवा फिर से तैरने लगी है। यह हवा ख़बरिया है और ख़बर राजनीति से जुड़ी हुई है । खबर फैल रही है कि सूबे में मुखिया बदला जाने वाला है। नए मुखिया का नाम भी खूब चर्चाओं में है। लेकिन यहां हम सवाल उठाना चाहते है कि आखिर मुखिया को बदले जाने के पीछे कारण क्या है?
सवाल नंबर 1- क्या मुखिया पर अब तक कोई आरोप लगा है?
सवाल नंबर 2- क्या मुखिया की परफॉर्मेंस कहीं कमतर रही है?
सवाल नंबर 3- क्या मुखिया के कार्यकाल के दौरान बीजेपी कोई चुनाव हारी है?
उक्त तीनों सवालों के जवाब जनता भी दे सकती है। पंचायत चुनाव, निकाय चुनाव, विधानसभा उपचुनाव और यहां तक कि लोकसभा चुनाव में प्रदेश में बीजेपी को बंपर जीत मिली। मुखिया पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप अब तक नहीं लगा। उनकी परफॉर्मेंस पर हाईकमान की तरफ से अब तक कोई सवाल नहीं उठे। हां, उनके सियासी विरोधी तो उनकी परफॉर्मेंस पर सैकड़ों और हज़ारों सवाल भी खड़े कर सकते हैं। लेकिन इसको तो सियासी विरोध के तौर पर ही देखा जाएगा ना?
प्रदेश में दो साल बाद चुनाव होने हैं। ऐसे में बीजेपी को मुखिया बदलना खुद के लिए भारी पड़ सकता है। चूंकि प्रदेश में बीजेपी ऐसा करती ही रही है लेकिन तब कारण कुछ और थे। या तो उसके मुखिया पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, या फिर उसने अपनी छवि के लिए मुखिया बदला था। लेकिन नतीजा उसके पक्ष में कभी नहीं रहा। इस बार राज्य में बीजेपी को हराने का दम रखने वाला दूसरा दल फिलहाल कहीं से कहीं तक नज़र नहीं आता। वैसे भी राज्य में बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला होता रहा है। लेकिन इस बार तो कांग्रेस भी चारों खाने चित है और जनता का मन टटोलने के बाद भी उसके दिल में दूसरे दल का नाम दूर दूर तक नहीं आ रहा है। जब सारे समीकरण भाजपा और मौजूदा मुखिया के पक्ष में हैं तो मुखिया को बदलने की हवाई खबर निश्चितत: उनके सियासी विरोधियों ने ही एजेंडा न्यूज की तरह सोशल मीडिया पर उड़ाई लगती है। यह खबर एक ऐसी पतंग की तरह लगती है जो बिना डोर की है।