फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में नकल कराने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड निकला UPSC का समीक्षा अधिकारी
आरोपी कुलदीप राठी दो बार यूपीएससी की मुख्य परीक्षा पास कर चुका है, वो साल 2013 में एसएससी की परीक्षा में नकल करवाने के आरोप में पहले भी जेल जा चुका है....
Feb 27 2020 3:28PM, Writer:कोमल
वन आरक्षी भर्ती परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड लोक सेवा आयोग हरिद्वार का समीक्षा अधिकारी निकला। आरोपी का नाम कुलदीप राठी है, उसके हरिद्वार जिले में 4 कोचिंग सेंटर चलते हैं। पौड़ी जिले की पुलिस ने आरोपी को रुड़की से गिरफ्तार किया। आरोपी ने वन आरक्षी भर्ती परीक्षा के लिए पौड़ी में बनाए गए केंद्र पर 5 लाख रुपये में नकल कराने का ठेका लिया था। इस मामले में पुलिस कोटद्वार में तैनात सहायक कृषि अधिकारी सुधीर कुमार और रुड़की के एक कोचिंग सेंटर संचालक मुकेश सैनी को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। अब गिरोह का मास्टरमाइंड कुलदीप राठी भी पकड़ा गया। मामले मे दो सरकारी अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद वन आरक्षी परीक्षा विवादों में घिर गई है। पुलिस ने बताया कि 16 फरवरी को वन आरक्षी भर्ती परीक्षा शुरू होने के आधे घंटे बाद से और परीक्षा समाप्त होने तक कुलदीप और सुधीर एक दूसरे के साथ फोन पर संपर्क मे थे। परीक्षा के दिन कुलदीप मेरठ में था। पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार सहायक कृषि अधिकारी सुधीर कुमार ने नकल प्रकरण के पीछे कुलदीप राठी का हाथ होने की बात कही थी।
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पौड़ी के एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि आरोपी कुलदीप दिसंबर से छुट्टी पर चल रहा था। उसे राज्य लोक सेवा आयोग में साल 2019 में तैनाती मिली थी। आरोपी कुलदीप दो बार यूपीएससी की मुख्य परीक्षा पास कर चुका है, उसे प्रतियोगी परीक्षाओं की अच्छी जानकारी है। कुलदीप साल 2013 में एसएससी की परीक्षा में नकल करवाने के आरोप में जेल जा चुका है। इस मामले में सबूतों के अभाव में वो बरी हो गया था। आपको बता दें कि हरिद्वार के रहने वाले गोपाल सिंह ने पौड़ी कोतवाली में सहायक कृषि अधिकारी सुधीर कुमार समेत 4 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। उन्होंने कहा कि आरोपियों ने कहा था कि उनके बेटे को भर्ती परीक्षा में नकल करवा कर पास करा देंगे, जिसके लिए उनसे 5 लाख रुपये वसूले गए। फॉरेस्ट गार्ड के 1213 पदों के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने 16 फरवरी को राज्य के 360 केंद्रों पर परीक्षा कराई थी। पंजीकृत डेढ़ लाख अभ्यर्थियों में से 99 हजार 832 परीक्षा में सम्मिलित हुए। परीक्षा के दौरान ही हाईटेक तरीके से नकल कराने का पता चला था। प्रकरण की जांच एसएसपी हरिद्वार की अगुवाई में गठित एसआइटी कर रही है। इस मामले में कुछ और लोग भी जांच टीम के रडार पर हैं, नकल मामले में इनकी क्या भूमिका रही इसकी जांच की जा रही है।