उत्तराखंड के पालड़ीछीना गांव में फ्रांस से आये विदेशी, 14 दिन तक निगरानी में रहेंगे
कसारदेवी और गोवा में व्यवसाय चलाने वाले हरीश सिंह ने फ्रांस से आये 6 लोगों को अपने साथ अपने गांव पालड़ीछीना ले आये। विदेशियों को देखते ही गांव के लोगों में हड़कंप मच गया और उन्होंने इसकी सूचना तुरन्त ही पुलिस को दी।
Mar 22 2020 10:45PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
हालात बहुत खराब हैं। भारत कोरोना के।असर को कम करने का हर सम्भव प्रयास कर रहा है और कोशिश कर रहा है कि वो और अधिक न फैले। जब लोगों को ये समझाया जा रहा है कि अपने घरों में रहें और बाहर कम से कम निकलें। पूरे देश मे7 इमरजेंसी जैसी स्थिति बन रखी है, वैसी कठिन हालत में उत्तराखंड के एक व्यक्ति ने छः विदेशी मेहमानों के साथ उनके गांव पहुँच कर अपनी जड़ बुद्धि का उदाहरण समाज में पेश दिया है। भारत में कोरोना का आगमन विदेश से ही हुआ है। ऐसी मुश्किल हालातों में जहाँ देश के कई बड़े राज्यों में लॉकडाउन लगाया जा चुका है, इमरजेंसी घोषित की जा चुकी है, उत्तराखंड में तो इसे आपदा के रूप में घोषित कर दिया है, वैसी विकट परिस्थितियों में बागेश्वर के खरेही पट्टी के पालड़ीछीना गांव में फ्रांस से आये 6 विदेशी मेहमानों के आने से हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने तुरंत ही इसकी जानकारी पुलिस को दी जिसके बाद उनकी स्वास्थ्य की जांच कराई गई। पुलिस ने उन्हें 14 दिनों तक निगरानी में रहने को और सतर्क रहने को कहा है। आगे भी पढ़िए
जानकारी के मुताबिक पालड़ीछीना गांव के निवासी हरीश सिंह कसारदेवी और गोवा में होटल का व्यवसाय चलाते हैं। शनिवार को सुबह वे फ्रांस से आये 6 विदेशियों को उनके गांव पालड़ीछीना लेकर आ गए। गांव में विदेशियों को देखते ही खलबली मच गई। गांव वालों की जागरूकता इस कठिन परिस्थिति में काफी काम आयी। लोगों को कोरोना के बारे में पता है और वो अपनी सुरक्षा को लेकर जागरुक भी हैं इसका प्रमाण उन्होंने तुरंत ही पुलिस को सूचित करते हुए दिया। दरअसल वर्तमान में कोरोना की स्थिति इतनी खतरनाक हो चुकी है कि विदेशी नागरिकों को भारत आने से रोका जा रहा है। इन कठिन परिस्थितियों के बाद भी हरीश सिंह ने न तो अपनी बुद्धि का प्रयोग किया और न हालातों की नाजुकता समझी और बिना किसी सुरक्षा या जांच के विदेशी मेहमानों को गांव में ले आये। गांव के निवासियों ने सूझ बूझ दिखाते हुए पुलिस को इस बारे में सूचित किया। पुलिस ने विदेशियों नागरिकों को 14 दिन तक गांव में रहने के निर्देश दिए हैं। एसओ मदन लाल ने कहा कि विदेशियों पर सख्त नज़र रखी जा रही है और उन्हें घर से बाहर न निकलने को कहा गया है। अगर किसी भी विदेशी में वायरस के लक्षण मिलते हैं तो वह तुरन्त ही 104 पर सूचित करें, उनका मेडिकल निरीक्षण किया जाएगा। अगर किसी भी विदेशी के द्वारा लापरवाही बरती जाती है तो उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी।
यह भी पढ़ें - टिहरी गढ़वाल में इंडोनेशिया से लौटे युवक को बुखार, सेल्फ क्वॉरेन्टाइन के सख्त निर्देश