उत्तराखंड में लॉकडाउन के बावजूद लापरवाही, 49 सीटर रोडवेज में खचाखच भरे गए 63 लोग
कोरोना वायरस का डर शायद उत्तराखंड रोडवेज को छू भी नहीं पाया है, शायद इसलिए रोडवेज परिवहन की तरफ से बहुत बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है।
Mar 25 2020 1:49PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
कोरोना वायरस ने हाल बेहाल किया हुआ है। इटली की हालत दयनीय है।सरकार इसकी रोकथाम के हर सम्भव प्रयास कर रही है। उत्तराखंड में चार पॉज़िटिव केस की पुष्टि हुई है। पूरा राज्य लॉकडाउन करा जा चुका है। मगर लोग निर्देशों का पालन करने के लिए तैयार ही नहीं हैं। शायद लोग इसे हल्के में ले रहे हैं। उनको पता ही नहीं है कि स्थिति कितनी खराब हो गयी है और उनकी लापरवाही से उनके साथ-साथ कई लोगों जी जान को खतरा है। लॉकडाउन के बाद तो स्थिति और खराब हो गयी है। सरकार के इस आदेश की रोडवेज परिवहन अवहेलना किये जा रहा है। लगता है उसे इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि शहर लॉकडाउन हो चुका है। सरकार के इतनी बार बोलने के बावजूद उनके कानों में जूं नहीं रेंगती। हाल ही में रोडवेज परिवहन की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। आगे पढ़िए अल्मोड़ा में हुआ क्या है।
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सोमवार को नैनीताल व अल्मोड़ा जनपद की सीमा पर स्थित भुजान क्षेत्र में तराई से पहाड़ की ओर जा रहे लोगों की थर्मल स्कैनर से स्वास्थ्य जांच हो रही थी कि तभी हल्द्वानी से रोडवेज बस यूके 07 पीए 2832 में तकरीबन 49 लोगों की कपैसिटी वाली बस में 63 युवा एक-एक करके नीचे उतरे जिसे वहां हड़कंप मच गया। बस में से भारी संख्या में युवक-युवतियां बाहर निकले तो आसपास के लोगों ने भी भीड़ लगा दी। सब की एक-एक करके स्वास्थ्य जांच हुई, उसके बाद ही उन लोगों को आगे जाने की अनुमति मिली। बातचीत करने पर पता लगा कि सभी लोग हल्द्वानी से चौखुटिया, रानीखेत, द्वाराहाट के लिए निकले हैं। यह स्थिति बहुत ही चिंताजनक है और सभी को इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। अगर लोग लापरवाह हो जायेगें तो इस वायरस को त्रासदी फैलाने में देर नहीं लगेगी। अगर एक बार परिस्थितियां हाथ से निकल गयीं तो हमें पछताना पड़ेगा। इसलिए जितना हो सके भीड़-भाड़ से दूर रहें और सुरक्षित रहें। कोरोना को हम तभी हरा सकते हैं जब हम लापरवाही न बरतें।