उत्तराखण्ड लॉकडाउन: महिला सिपाही को ड्यूटी पर जाना था, स्कूटी से किया 300 Km का सफर
उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand police) के ऐसे सिपाहियों को हम सलाम करते हैं। लेडी कांस्टेबल चंपा के हौसले की दाद आज हर कोई दे रहा है। खुद सीएम ने भी इस बिटिया के हौसले की तारीफ की..वीडियो भी देखिए
Apr 2 2020 2:16PM, Writer:कोमल नेगी
लॉकडाउन के चलते हर तरफ सन्नाटा पसरा है। ये खामोशी अब काटने लगी है। खतरे के बावजूद पुलिस और डॉक्टर कोरोना के खिलाफ डटे हुए हैं। प्रशासन भी अपनी जिम्मेदारी अच्छी तरह निभा रहा है। लॉकडाउन के चलते हमें पुलिस का वो मानवीय चेहरा भी देखने को मिला, जिससे हम अब तक अंजान थे। जगह-जगह पुलिस गरीब-बेसहारा लोगों को खाना खिला रही है। कई लोगों को घर पहुंचाने का इंतजाम भी किया। एक ऐसी ही खबर नैनीताल जिले से आई है। जहां अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए एक महिला कांस्टेबल 300 किलोमीटर की यात्रा अपनी स्कूटी से पूरी कर अपने ड्यूटी क्षेत्र में पहुंची। इनका नाम है चंपा मेहरा। चंपा मेहरा लालकुआं की रहने वाली हैं। उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand police) में कांस्टेबल हैं। उनकी तैनाती देहरादून के एसएसपी दफ्तर में है। आगे पढ़िए दिलेर चंपा की कहानी
यह भी पढ़ें - पहाड़ की भावना चुफाल Tik Tok पर बनी 1 मिलियन लोगों की पसंद, देखिए ये वीडियो
चंपा मेहरा 112 कंट्रोल रूम को संभालने का काम करती हैं। चंपा के पिता डायबिटीज से पीड़ित हैं। उनकी दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं। मेडिकल अटेंशन की जरूरत है। पिछले दिनों उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा। चंपा मेहरा भी छुट्टी लेकर घर आ गईं। पिता की देखभाल करने लगीं, लेकिन एक-दो दिन बाद ही देश में लॉकडाउन की घोषणा हो गई। जो जहां था उसे वहीं रहने के निर्देश दिए गए। सबकी छुट्टियां भी बढ़ा दी गईं। इसी बीच चंपा को पता चला कि 112 कंट्रोल रूम में स्टाफ की कमी है। ऐसे में उन्होंने पिता के गंभीर रूप से बीमार होने के बावजूद अपने फर्ज को तरजीह दी। लॉकडाउन के दौरान गाड़ी नहीं मिली तो चंपा स्कूटी का हैंडल थाम देहरादून के लिए निकल पड़ीं। आगे भी पढ़िए
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड में बड़ा रिकॉर्ड बना रहा है ये पहाड़ी गीत, 4 महीने में 1 करोड़ लोगों ने देखा..आप भी देखिए
उन्होंने 300 किमी की यात्रा स्कूटी से तय की। पूरे सफर के दौरान खाने को कुछ नहीं मिला तो दो बिस्किट के पैकेटों से गुजारा किया। चंपा मेहरा जैसी बहादुर बेटियां ही उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand police) का गर्व हैं। परिवार और कर्तव्य के बीच जब किसी एक को चुनने की नौबत आई तो चंपा ने कर्तव्य को चुना। उन्होंने ये सब आपके और हमारे जैसे कई परिवारों के लिए किया, ताकि मुसीबत के वक्त लोगों को समय रहते मदद मिल सके। राज्य समीक्षा टीम चंपा को सैल्यूट करती है, हमें चंपा जैसे बेटियों पर गर्व है...सीएम त्रिवेन्द्र ने भी चंपा मेहरा की सराहना की है। देखिए वीडियो...