उत्तराखंड: छोटी बच्ची ने कहा-घर में 3 दिन से गैस नहीं है, मुश्किल वक्त में पुलिस बनी मददगार
चमोली पुल पर ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मी से एक छोटी बच्ची ने मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि उनके घर पर गैस सिलेंडर खत्म हो गया है। पढ़िये मानवता की मिसाल देती यह खबर-
Apr 27 2020 8:11PM, Writer:अनुष्का
वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना ने सभी को कठिन परिस्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है। यह शब्द अपने अंदर न जाने कितनी तकलीफें और दुख समेटे हुए है। उत्तराखंड भी खुद को इससे बचाने की पूरी कोशिश कर रहा है। इस बात से तो कोई वंचित नहीं होगा कि कोरोना लॉकडाउन के चलते सभी दुकानों पर ताला लगा हुआ है, बाजार बंद हैं, लोगों का रोजगार ठप पड़ गया है। ऐसे में क्या हम उन लोगों की हालत में अंदाजा लगा सकते हैं जिनकी लॉकडाउन की वजह से रोजी-रोटी छीन गई है? ऐसे ही जरूरतमंदों का पेट भरने के लिए राज्य की पुलिस सर्वदा अग्रसर रहती है। सही मायनों में असली वारियर्स तो उत्तराखंड पुलिस ही है जो किसी जरूरतमंद की मदद करने से पहले एक पल भी नहीं सोचती। चमोली पुलिस ने भी कई बार अपनी जिंदादिली के चलते लोगों से तारीफें बटोरी हैं। आज फिर एक बार चमोली पुलिस ने समाज के आगे इंसानियत की मिसाल पेश की है।
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चमोली जनपद में कार्यरत फायरमैन प्रदीप टम्टा चमोली पुल पर अपनी ड्यूटी कर रहे थे। उनकी ड्यूटी के दौरान वहां आयशा नाम की एक छोटी बच्ची आई और उसने पुलिसकर्मी को बताया कि उसके घर में तीन दिन से गैस सिलेंडर खत्म हो गया है जिस वजह से उसके घर में खाना नहीं बन पा रहा है। पुलिसकर्मी प्रदीप टम्टा ने देखा कि लड़की बेहद गरीब परिवार से है और अपनी मां के साथ ही चमोली पुल पर रहती है। लॉकडाउन के चलते पैसों का इतना अभाव है कि घर में चूल्हा जलाने के भी पैसे नहीं हैं। लड़की का पिता भी लॉकडाउन के चलते बाहर फंसा हुआ है। इसको देख कर पुलिस कर्मी का दिल पसीज गया और वे मैठाणा गैस एजेंसी गए और खुद के पैसों से गैस सिलेंडर भरवा कर महिला को दिया। महिला ने पुलिस कर्मी का दिल से आभार व्यक्त किया। चमोली पुलिस द्वारा यह प्रयास रहता है कि कोई भी जरूरमंद या असहाय भूखा न रहे। चमोली पुलिस द्वारा किया गया यह कार्य बेहद सराहनीय है साबित करता है कि कठिन परिस्थितियों में मनुष्य ही मनुष्य के काम आता है।