उत्तराखंड में UP के विधायक ने SDM से की बदसलूकी..मौके से ही बैरंग लौटाए गए
आरोप है कि विधायक ने सत्ता की हनक में कर्णप्रयाग एसडीएम के साथ अभद्रता की। पढ़िए पूरी खबर
May 3 2020 10:28PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के पिता के पितृ कार्य के नाम से यूपी के विधायक अमनमणि त्रिपाठी सहित 10 लोग बदरीनाथ जा रहे थे। आपको बता दें कि अमनमणि त्रिपाठी उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले की नौतनवां सीट से विधायक हैं। उनके साथ 10 लोगों की 3 गाड़ियों को पुलिस ने कर्णप्रयाग से वापस लौटाया। आरोप है कि इस दौरान विधायक ने सत्ता की हनक में कर्णप्रयाग एसडीएम के साथ अभद्रता की। इसके साथ ही गौचर बैरियर पर कोरोना वॉरियर्स के साथ भी अभद्रता का आरोप है। हम आपको एसडीएम वैभव गुप्ता का बयान दिखा रहे हैं, जिसमें वो कह रहे हैं कि बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हैं और विधायक को ये बात बताई गई, इसके बावजूद वे वहां जाने की जिद पर अड़े रहे। आगे पढ़िए विधायक आखिर क्यूँ बदरीनाथ जा रहे थे..
दरअसल अमनमणि त्रिपाठी अपने साथियों सहित तीन इनोवा कारों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता के पितृ कार्य के नाम से बदरीनाथ जा रहे थे। बताया जा रहा है कि पुलिस ने रोका तो विधायक और उनके साथियों ने एसडीएम और पुलिस कर्मियों समेत स्वास्थ्य कर्मियों से बदसलूकी की। एसडीएम वैभव गुप्ता का कहना है कि रोकने के बाद भी वे गौचर चेकपोस्ट से बदरीनाथ के लिए रवाना हुए, तो कर्णप्रयाग में बैरिकेट लगाकर इन्हें रोका गया। बताया जा रहा है कि इस दौरान भी पुलिस कर्मियों से बदसलूकी की गई।
विधायक के पास देहरादून से बद्रीनाथ और वहाँ से दून लौटने के लिए 3 दिन की यात्रा का एक पास था। ये पास अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश के हस्ताक्षर वाला था। इस पास पर लिखा था कि विधायक और उनके साथी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पितृ पूजन के लिए बद्रीनाथ जा रहे हैं, इनको यात्रा की अनुमति दी जाए। अब सवाल उठता है कि क्या ये पास फ़र्ज़ी था? अगर नहीं तो चमोली प्रशासन ने विधायक और उनके साथियों को क्यों नहीं जाने दिया? आपको बता दें कि बद्रीनाथ धाम के कपाट अभी बंद हैं और 15 मई को खुलेंगे, तो इन लोगो को कपाट खुलने से पहले बद्रीनाथ जाने की अनुमति क्यों दी गयी?
एसडीएम कर्णप्रयाग वैभव गुप्ता कहना है कि विधायक द्वारा उनसे दूरभाष में हुई बातचीत में अभद्र व्यवहार किया गया। जबकि वे उन्हें सिर्फ नियमों को बता रहे थे। प्रशासन की सख्ती के बाद विधायक वापस लौटे हैं। वहीं एसडीएम वैभव गुप्ता के इस कदम की सराहना हो रही है कि उन्होंने बिना किसी दबाव के लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया और विधायक को कानून का पाठ पढ़ाया। देखें क्या कहना है एसडीएम का..