उत्तराखंड वापस लौट रहे लोगों के लिए जरूरी खबर, सभी की नहीं हो पाएगी घर वापसी
केंद्र की नई गाइड लाइन से घर वापसी की उम्मीद लगाए उत्तराखंडवासियों को करारा झटका लगा है। फिलहाल दूसरे राज्यों में रह रहे सभी लोगों की घर वापसी नहीं होगी। उत्तराखंड सरकार पहले उन लोगों को लाएगी जो राहत कैंपों या फिर रास्तों में फंसे हैं...
May 4 2020 11:47AM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
लॉकडाउन के तीसरे चरण की आज से शुरुआत हो गई। इसके साथ ही उन लोगों के लिए एक जरूरी खबर है, जो अपने जिले-गांव वापस लौटने की आस लगाए हुए हैं। फिलहाल दूसरे राज्यों में रह रहे सभी लोगों की घर वापसी नहीं होगी। उत्तराखंड सरकार पहले उन लोगों को लाएगी जो राहत कैंपों या फिर रास्तों में फंसे है। केंद्र सरकार ने इस संबंध में रविवार को नई गाइड लाइन जारी कर दी, जिससे घर वापसी की उम्मीद लगाए उत्तराखंडवासियो के लिए जरूरी खबर आई है। एक अऱबार की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी केंद्र की नई गाइड लाइन मिलने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार फिलहाल राहत कैंपों और रास्ते में फंसे लोगों को ही घर लाएगी। घरों में रहने वाले लोगों को फिलहाल नहीं लाया जाएगा। आपको बता दें कि पुरानी गाइड लाइन में केंद्र सरकार ने कहा था कि सभी राज्य दूसरे राज्यों में फंसे छात्रों, कामगारों और आम लोगों को मूल प्रांत में जाने देंगे।इन्हें लाने का इंतजाम राज्य सरकारें करेंगी। आगे पढ़िए..
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गाइड लाइन जारी होने के दो दिन के भीतर ही डेढ़ लाख से ज्यादा प्रवासी उत्तराखंडियों ने घर लौटने के लिए रजिस्ट्रेशन करा दिया था, लेकिन अब गाइड लाइन में संशोधन किया गया है। नई गाइड लाइन के अनुसार राज्य आपसी समन्वय कर उन्हीं लोगों को घर ले जा सकते हैं जो कि राहत कैंपों या फिर रास्तों में फंसे हैं। घरों में रहने वाले लोगों को फिलहाल नहीं लाया जाएगा। आपको बता दें कि जो लोग घर लौटना चाहते हैं वो ऐसे राज्यों में रह रहे हैं जहां कोरोना संक्रमण सबसे ज्यादा है, ऐसे में इनके लौटने पर राज्य में क्या स्थिति होगी, सरकार इसे लेकर भी परेशान है। इसके अलावा राज्य सरकार ने ग्राम प्रधानों को पूर्ण अधिकार दे दिए हैं। ग्राम प्रधान पंचायतों और स्कूल भवन में लोगों को क्वारेंटीन कर सकेंगे। जो लोग ग्राम प्रधान के आदेश की अनदेखी करेंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।