देहरादून: मुस्लिम युवक का नेक काम..रोजा तोड़ा, किया रक्तदान..बची पहाड़ के बच्चे की जान
इन दिनों रमजान का पाक महीना चल रहा है। इस दौरान दुनियाभर के मुस्लिम रोजा रखते हैं, लेकिन देहरादून में एक रोजेदार को अपना रोजा तोड़ना पड़ गया, हालांकि इसके पीछे की वजह जानकर आपका दिल भी इन्हें सलाम करना चाहेगा।
May 4 2020 11:57AM, Writer:कोमल नेगी
कहते हैं इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है। देहरादून में इसी धर्म के फर्ज को निभाने के लिए एक मुस्लिम युवक ने अपना रोजा तोड़ दिया। इन दिनों रमजान का पाक महीना चल रहा है। इस दौरान दुनियाभर के मुस्लिम रोजा रखते हैं। सूरज डूबने तक उन्हें कुछ भी खाने-पीने की मनाही होती है, लेकिन देहरादून में एक रोजेदार को अपना रोजा तोड़ना पड़ गया, हालांकि इसके पीछे की वजह जानकर आपका दिल भी इन्हें सलाम करना चाहेगा। देहरादून के इस युवक ने रोजा तोड़कर एक दस साल के बच्चे की जान बचा ली। अभय नाम का ये बच्चा थैलेसीमिया से पीड़ित है, खून ना मिलता तो बच्चे की जान पर बन आती। अब आपको पूरा घटनाक्रम बताते हैं। उत्तरकाशी के पुरोला के रहने वाले अनुज अग्रवाल का दस साल का बेटा अभय थैलेसीमिया से पीड़ित है।
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अनुज बेटे को हर पंद्रह दिन में देहरादून लेकर आते हैं, ताकि उसे खून चढ़ाया जा सके। शनिवार को भी वो देहरादून के वरदान हॉस्पिटल आए हुए थे। बच्चे को बी नेगेटिव ब्लड की जरूरत थी, लेकिन खून नहीं मिला। अनुज आईएमए ब्लड बैंक भी गए, पर वहां भी खून नहीं मिला। लॉकडाउन में वो किसी तरह पास बनवा कर देहरादून आए थे। ऐसे में जब उन्हें खून नहीं मिला तो कुछ युवकों ने मदद के लिए सोशल मीडिया पर अपील की। ये मैसेज जैन काजी नाम के युवक तक भी पहुंचा। वो देहरादून के टर्नर रोड में रहते हैं। अनुज की परेशानी का पता चलते ही जैन काजी आईएमए ब्लड बैंक पहुंचे और रोजा तोड़कर बच्चे के लिए ब्लड डोनेट किया। बच्चे के पिता अनुज ने भावुक होकर जैन काजी को धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा कि जैन काजी ने उनके बच्चे की जान बचाकर इंसानियत का फर्ज निभाया है। वहीं जैन काजी ने कहा कि मुसीबत के वक्त किसी की मदद करना ही इंसानियत है। ऐसे समय में उनकी मदद से किसी की जान बच जाए, इससे बड़ी बात उनके लिए क्या होगी।