वाह उत्तराखंड: दो सगे भाई एक साथ बने आर्मी ऑफिसर, पिता और ताऊजी से सीखी देशभक्ति
बचपन से ही आसपास सेना का माहौल मिला जिसके बाद पिथौरागढ़ के महरखोला गांव के दो सगे भाइयों रोहित और विकास ने कड़ी मेहनत के बाद अपना नाम भी भारतीय सेना के अफसरों में शुमार कर लिया है।
Jun 14 2020 1:13PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
उत्तराखंड के युवाओं के दिलों में आर्मी को लेकर जुनून साफ तौर पर दिखता है। उनकी रगों में भारतीय सेना खून की तरह ही बहती है। वे लगातार सैन्य परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। कई युवाओं को यह सैन्य परंपरा विरासत में मिली हुई है। अब खुद ही सोचिए, बचपन से ही घर में जब ऐसा माहौल मिलता है तो बच्चे खुद ब खुद सेना में भर्ती होने की ठान लेते हैं। और वे सिर्फ ठानते नहीं है बल्कि उस दिशा में कड़ी मेहनत करके भारतीय सेना में भर्ती भी होते हैं। शायद यही एक कारण है कि भारतीय सेना में उत्तराखंड के सपूतों की भागीदारी सबसे ज्यादा है। इन जाबांज और गौरवशाली युवाओं की फेहरिस्त में पिथौरागढ़ जिले के दो सगे भाइयों ने भी अपना नाम शुमार कर लिया गया। महरखोला गांव के इन दो भाइयों ने साथ में सेना में अफसर के पद पर भर्ती पा लेने के बाद जिले में नया इतिहास रच दिया है। दोनों सगे भाई शनिवार भारतीय सेना में एक साथ सैन्य अधिकारी बने जिसके बाद उनके गांव में जश्न का माहौल है। हम बात कर हैं पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर स्थित महरखोला गांव के दो सगे भाइयों रोहित वल्दिया और विकास वल्दिया की। आगे पढ़िए
यह भी पढ़ें - गढ़वाल के तलवाड़ी गांव का बेटा बना आर्मी ऑफिसर, 3 बार असफल होने के बाद पाई सफलता
देहरादून में आयोजित पासिंग आउट परेड में सेना के अधिकारियों ने रोहित वल्दिया और विकास वल्दिया का बैच अलंकरण किया। दोनों भाइयों की सेना में अफसर पद पर भर्ती के बाद से ही गांव में जश्न का माहौल है। रोहित और विकास के अंदर सेना में जाने का यह जुनून बचपन से ही सवार हो गया था या यूं कहें कि उनको सेना का माहौल विरासत में मिला है। उनके पिता रंजीत सिंह वल्दिया भारतीय सेना से सूबेदार पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। वहीं उनके सगे ताऊ जी भगवान सिंह वल्दिया और मोहन सिंह वल्दिया दोनों सेना में कर्नल पद से सेवानिवृत्त हैं। उन्हीं को अपनी प्रेरणा का स्त्रोत मानते हुए विकास और रोहित दोनों ने बचपन से ही सेना में भर्ती होने की ठान ली थी। दोनों की प्रारंभिक शिक्षा हल्द्वानी और इंटर की पढ़ाई जबलपुर में हुई है। वर्तमान में उनका परिवार जबलपुर में रहता है। दोनों भाइयों ने खुशी जताते हुए अपनी इस सफलता का श्रेय अपनी माता शकुंतला देवी और अपने पिता रंजीत सिंह को दिया। दोनों ने यह भी कहा कि उनको सेना में अधिकारी बनने की पूरी प्रेरणा अपने कर्नल ताऊ से मिली है।आज जब उनका यह सपना पूरा हो चुका है तो उनके पूरे परिवार में खुशी की लहर है। उनके गांव महरखोला में भी शनिवार को जश्न का माहौल था। रोहित वल्दिया और विकास वल्दिया दोनों ने भारतीय सेना में अपना नाम दर्ज कर लिया है जो कि एक गौरवशाली पल है। सभी की ओर से उनको उज्ज्वल भविष्य की ढेरों शुभकामनाएं।