उत्तराखंडी भाइयों ने दुबई से लगाई गुहार, ‘हमारी मदद करो सरकार’..देखिए वीडियो
सात समंदर पार से हमारे उत्तराखंडी भाइयों ने वतन वापसी की गुहार लगाई है। शेयर करें और इनकी आवाज हर किसी तक पहुंचाएं..ये वीडियो भी देखिए
Jul 9 2020 5:58PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
बेबसी क्या होती है इन लोगों से पूछिए, जो लगातार वतन वापसी के लिए गुहार लगा रहे हैं। जो वीडियो हम आपको दिखा रहे हैं, वो बस एक छोटा सा उदाहरण है। उत्तराखन्ड ऐसोसिएशन UAE के सदस्य दीप नेगी की राज्य समीक्षा से बात करने पर पता चला कि ऐसे करीब 450 से 500 लोग हैं...जो उत्तराखंड से ताल्लुक रखते हैं और दुबई में फंसे हैं। अब ये बेबस लोग सरकार से अपील कर रहे हैं कि इन्हें वतन वापस बुलाया जाए। उधर उत्तराखन्ड ऐसोसिएशन UAE इन सभी भाइयों को प्राइवेट चार्टर्ड प्लेन से निकाल कर उत्तराखंड लाने की कोशिश कर रही है। इनका खर्च भी सब मिलकर उठा रहैं है। यहां तक कि भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय भी इस पर मुहर लगा चुका था। उत्तराखन्ड ऐसोसिएशन UAE के कर्मठ सदस्यों दीपक ध्यानी, शैलेन्द्र नेगी, हेमु नयाल, गौतम चौधरी, अरविन्द पंत, मनवीर गुसाईं आदि ने इन सभी इन सभी लोगों का डाटा तैयार किया फ़ाइल बनाई। आगे पढ़िए
यह भी पढ़ें - गुड न्यूज: उत्तराखंड की सैर कर सकेंगे दूसरे राज्यों के पर्यटक, इन नियमों का करना होगा पालन
हर एक प्रोसेस को फ़ोलो किया गया ताकि लोग अपने वतन, अपने उत्तराखंड पहुंच सकें लेकिन अंत मे सिविल एविएशन मंत्रालय ने इस फाइल को रोक दिया। अब करें तो करें क्या? 7 जुलाई की फ्लाइट बुक की गई थी...इतने सारे लोगों को लाने के तीन प्राइवेट चार्टर्ड प्लेन बुक किए गए थे। सभी लोगों की उम्मीदें बंधने लगी तो सिविल एविएशन मंत्रालय ने इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इनमें से कई लोग ऐसे हैं जिनके पास ना नौकरी है, ना रहने का स्थान, ना खाना और ना पैसे लेकिन सिविल एविएशन मंत्रालय का दिल नहीं पसीजता। उत्तराखन्ड ऐसोसिएशन UAE के सदस्यों द्वारा जैसे तैसे एक -दो दिन के लिये इन लोगों की रहने की, खाने की व्यव्स्था की गई लेकिन आखिर कब तक? अब सभी लोगों यही मांग है की जल्द से जल्द सिविल एविएशन मंत्रालय अनुमति दें और सभी लोग भारत आ सकें। आगे देखिए वीडियो
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड बॉर्डर से वापस लौटाए गए 1000 से ज्यादा वाहन, पुलिस का सख्त पहरा
उत्तराखन्ड ऐसोसिएशन UAE के सदस्य दीप नेगी कहते हैं कि उत्तराखन्ड ऐसोसिएशन UAE के सभी सदस्य दिन रात एक कर इन लोगों की मदद में जुटे हैं। देखना है कि आखिर कब तक सिविल एविएशन मंत्रालय द्वारा इन्हें परमीशन मिलती है।