उत्तराखंड: सोमवती अमावस्या पर हरिद्वार की सीमा सील..पुलिस का सख्त पहरा
प्रशासन की सख्ती के बावजूद अगर कोई श्रद्धालु चोरी-छिपे हरिद्वार आएगा तो उसे 14 दिन के लिए अपने खर्चे पर क्वारेंटीन होना पड़ेगा। ऐसे लोगों के खिलाफ केस भी दर्ज किया जाएगा...
Jul 20 2020 6:12PM, Writer:कोमल नेगी
मोक्षनगरी हरिद्वार। सोमवती अमावस्या के दिन यहां देखने वाला नजारा होता था। देशभर से लाखों श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचते थे। स्नान कर के मां गंगा का आशीर्वाद लेते थे, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं दिखा। कोरोना की काली छाया ने हर पर्व, हर त्योहार की रौनक हर ली। हरिद्वार में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। कांवड़ यात्रा पहले ही रद्द हो चुकी है, और अब सोमवती अमावस्या के दिन भी हर की पैड़ी समेत तमाम घाटों पर सन्नाटा पसरा रहा। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर स्नान पर्व स्थगित कर दिया गया है। श्रद्धालुओं की आवाजाही रोकने के लिए जिले में धारा 144 लगाई गई है। जिले की सीमाएं सील हैं। सोमवती अमावस्या के मौके पर दूसरे राज्यों से श्रद्धालुओं के हरिद्वार आने पर रोक लगी है। आगे पढ़िए
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प्रशासन की तरफ से इस संबंध में पहले ही चेतावनी जारी कर दी गई थी। जिले में धारा 144 लगी है। दूसरे राज्यों से लगी सीमाएं सील हैं, सख्ती जारी है। इसके बावजूद अगर कोई श्रद्धालु चोरी-छिपे हरिद्वार आएगा तो उसे 14 दिन के लिए क्वारेंटीन किया जाएगा। सोमवती अमावस्या के दिन श्रद्धालु स्नान और विशेष पूजा के लिए हरिद्वार पहुंचते हैं, लेकिन इस बार यहां सोमवार को अस्थि विसर्जन के साथ-साथ कर्मकांड पर पूरी तरह पाबंदी लगाई गई है। सोमवती अमावस्या के दिन स्थानीय श्रद्धालु भी हर की पैड़ी पर स्नान नहीं कर सकेंगे, यहां लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित है। हर की पैड़ी के चारों तरफ बैरिकेडिंग लगाई गई है। सोमवती अमावस्या पर हरिद्वार जिले की सभी सीमाएं सील हैं, ताकि दूसरे राज्यों से श्रद्धालु उत्तराखंड ना आ सकें। आगे भी पढ़िए
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कुछ श्रद्धालुओं ने आज सुबह हरिद्वार में दाखिल होने की कोशिश भी की थी, लेकिन इन्हें बॉर्डर से ही वापस लौटा दिया गया। श्रद्धालु सीमावर्ती गांवों से चोरी-छिपे हरिद्वार में दाखिल ना हो सकें, इसका भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। प्रशासन ने बाहरी श्रद्धालुओं के लिए चेतावनी जारी की है। कोरोना के खतरे को देखते हुए इस बार कांवड़ मेला रद्द कर दिया गया है। साथ ही सोमवती अमावस्या पर हर की पैड़ी में स्नान पर भी रोक लगाई गई है। स्नान पर्व स्थगित होने के बाद भी अगर कोई श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचता है तो उसे अपने खर्च पर 14 दिन के लिए क्वारेंटीन होना पड़ेगा। साथ ही इनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा।