उत्तराखंड: 6 दिन से घायल पड़ी थी महिला, ITBP जवानों ने 40 Km चलकर पहुंचाया अस्पताल
दर्द से तड़पती महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए जवान लगातार 15 घंटेपैदल चले और महिला को अस्पताल पहुंचाया। आगे पढ़िए पूरी खबर
Aug 24 2020 5:56PM, Writer:Komal Negi
हिमवीरों के सेवाभाव और साहस की ये तस्वीर कुमाऊं के सीमांत पर्वतीय जिले पिथौरागढ़ से आई है। जहां एक घायल महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए आईटीबीपी के जवान 15 घंटे पैदल चले। जवानों ने 40 किलोमीटर की दूरी पैदल नापकर गंभीर रूप से घायल महिला को अस्पताल पहुंचाया। पिथौरागढ़ में आसमानी कहर की वजह से इस वक्त कैसे हालात बने हुए हैं, ये तो आप जानते ही हैं। मुनस्यारी से 40 किमी दूर स्थित लास्पा गांव भी मौसम की मार से बेहाल है। यहां गांव में रहने वाली एक महिला पत्थरों की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गई थी। गांव में सड़क नहीं है, ऐसे में घायल महिला को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर की जरूरत थी। गांव वाले और परिजन पिछले 6 दिन से हेलीकॉप्टर का इंतजार कर रहे थे, लेकिन हेलीकॉप्टर नहीं आया। ऐसे मुश्किल वक्त में आईटीबीपी के जवान घायल महिला के लिए देवदूत बनकर सामने आए। शनिवार को भारत तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों ने दर्द से छटपटा रही महिला को स्ट्रेचर में रखकर मुनस्यारी पहुंचाने का फैसला लिया। आगे पढ़िए
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आईटीबीपी 14 वीं वाहनी के 25 जवानों ने लगातार जारी बारिश के बीच पैदल चलकर घायल महिला को सड़क तक पहुंचाया। जहां से महिला को अस्पताल पहुंचाया गया। ग्रामीणों ने बताया कि 18 अगस्त को लास्पा में रहने वाली 26 साल की रेखा देवी मापांग के पास चट्टान से गिरे भारी पत्थर की चपेट में आ गई थी। हादसे में महिला के पैर और सिर में गंभीर चोट आई थी। रेखा को तुरंत इलाज की जरूरत थी, लेकिन खराब रास्ते और मौसम को देखते हुए मरीज को डोली में ले जाना संभव नहीं था। लास्पा गांव से मुनस्यारी की दूरी 40 किलोमीटर है, जिसे पैदल तय करना होता है। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने हादसे वाले दिन ही मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, कमिश्नर और डीएम को घटना की जानकारी दे दी थी। रास्ता बेहद कठिन होने की वजह से प्रशासन से हेलीकॉप्टर भेजने की गुहार भी लगाई थी, लेकिन 6 दिन बीतने के बाद भी कोई रेस्पांस नहीं मिला। बाद में परिजनों ने आईटीबीपी 14 वीं वाहनी से मदद मांगी। परिजनों के अनुरोध पर आईटीबीपी के जवान घायल महिला को स्ट्रेचर पर लेटाकर सड़क तक पहुंचे, जहां से महिला को अस्पताल पहुंचाया गया। सेना के इस सेवाभाव ने ग्रामीणों का दिल छू लिया। ग्रामीणों ने जवानों को धन्यवाद देते हुए उन्हें भगवान का दूसरा रूप बताया है।