image: Doppler radar will be installed in Garhwal

उत्तराखंड: सांसद अनिल बलूनी ने दी खुशखबर, गढ़वाल में ही लगेगा डॉप्लर रडार

आपदा के लिहाज से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील है। ऐसे में अगर डॉप्लर रडार उत्तराखंड में लगता है, तो इससे आपदा की स्थिति में काफी फायदा होगा। आगे पढ़िए पूरी खबर
Sep 11 2020 3:59PM, Writer:Komal Negi

उत्तराखंड के लैंसडौन में डॉप्लर रडार लगने का रास्ता साफ हो गया है। राज्यसभा सांसद और बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी की कोशिशों से उत्तराखंड में जल्द ही डॉप्लर रडार लगेगा। बता दें कि लैंसडौन में डॉप्लर रडार के लिए जमीन नहीं मिल रही थी। इस मामले पर राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने संज्ञान लिया है। सांसद बलूनी ने इसे लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बातचीत की। इस बातचीत के अच्छे नतीजे जल्द देखने को मिलेंगे। सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि रक्षा मंत्रालय से रडार स्थापित करने को लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र जल्द ही जारी होगा। जिसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सांसद बलूनी ने कहा कि उन्हें इस का आश्वासन मिला है कि डॉप्लर रडार उत्तराखंड में ही स्थापित किया जाएगा।

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आपदा के लिहाज से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील है। हर साल मानसून में यहां भारी बारिश के चलते जमकर तबाही मचती है। ऐसे में अगर डॉप्लर रडार उत्तराखंड में लगता है, तो इससे आपदा की स्थिति में काफी फायदा होगा। डॉप्लर रडार की मदद से समय रहते बादल फटने जैसी घटनाओं की जानकारी मिल जाएगी। समय पर जानकारी मिलेगी तो बचाव के बेहतर इंतजाम किए जा सकेंगे। इससे बदलते मौसम और उसके पूर्वानुमान की सटीक जानकारी मिलेगी। रडार से वर्षा की सघनता, आंधी, तापमान, बर्फबारी और गंभीर मौसम का पूर्वानुमान हासिल किया जा सकता है। अभी यह देश के कुछ गिने चुने समुद्र तटीय शहरों में स्थापित किए गए हैं।

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आपको बता दें कि लैंसडौन में डॉप्लर रडार लगाने की योजना पिछले कई सालों से लंबित है। दरअसल लैंसडौन में जिस जगह पर डॉप्लर रडार को स्थापित होना है वह कैंट बोर्ड की भूमि है। रक्षा मंत्रालय ने इसके लिए अभी तक अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया है। एनओसी ना मिलने की वजह से इसे किसी अन्य प्रदेश को स्थानांतरित करने की चर्चा चल रही थी। ये बात जब सांसद अनिल बलूनी के संज्ञान में आई तो उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के मंत्री हर्षवर्धन से बात की। सांसद अनिल बलूनी बताया कि रक्षा मंत्रालय से जल्द ही एनओसी मिलने की उम्मीद है। जिसके बाद डॉप्लर रडार को लैंसडौन में स्थापित किया जाएगा। इलके अलावा राज्य के लिए दो और डॉप्लर रडार आवंटित हुए हैं, जिन्हें टिहरी जिले के सुरकंडा और नैनीताल जिले के मुक्तेश्वर में स्थापित किया जाएगा। इससे आपदा की स्थिति में काफी फायदा होगा।


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