उत्तराखंड: 2022 के लिए AAP ने कसी कमर, पहाड़ी चेहरों की तलाश शुरू..ये है पूरा प्लान
एक्टिव मोड में नजर आ रही आप ने मीडिया और राजनीतिक विश्लेषकों का ध्यान खींचा है। अब आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में नेतृत्व के लिए पहाड़ी चेहरे तलाश रही है।
Oct 1 2020 1:22PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड में तीसरा सियासी विकल्प बनने की तैयारी में जुटी आम आदमी पार्टी ने साल 2022 के रण की तैयारी तेज कर दी है। दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में जिस तरह एक्टिव नजर आ रही है, उससे कहीं ना कहीं बीजेपी और कांग्रेस में हलचल मची हुई है। आम आदमी पार्टी ने अपने राजनीतिक अभियानों से जनता का ध्यान अपनी तरफ खींचा। उत्तराखंड में जिन मुद्दों पर विपक्षी पार्टी विरोध दर्ज नहीं करा पाई, उन्हें आप ने झट से लपक लिया। अब आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में नेतृत्व के लिए पहाड़ी चेहरे तलाश रही है। एक्टिव मोड में नजर आ रही आप ने मीडिया और राजनीतिक विश्लेषकों का ध्यान खींचा है। विधायक महेश नेगी यौन शोषण जैसे मामले, जो विपक्षी पार्टी कांग्रेस के लिए गेम चेंजर साबित हो सकते थे, उन्हें भी आप ने पहले उठाकर बाजी मार ली। आम आदमी पार्टी ने संभावनाएं तो दिखाई हैं, लेकिन इनमें कितना दम है, ये जल्द ही साफ हो जाएगा। अब आम आदमी पार्टी का ध्यान नई कार्यकारिणी के गठन पर है। आप उत्तराखंड की पृष्ठभूमि को ध्यान में रखकर चुनाव की तैयारी कर रही है। आप की रणनीति की तारीफ भी हो रही है, लेकिन ये बात आम आदमी पार्टी को भी समझ आने लगी है कि पहाड़ में पैठ बनानी है तो पहाड़ के चेहरों को आगे लाना होगा। ऐसा ना हुआ तो अच्छी रणनीति भी उसे रेस में नहीं ला सकती। आगे पढ़िए
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आम आदमी पार्टी नई कार्यकारिणी में पहाड़ी चेहरों को जोड़ने की मशक्कत में जुटी है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी और अध्यक्ष एसएस कलेर भी साफ कह चुके हैं कि नई कार्यकारिणी में पहाड़ के चेहरों को तवज्जो दी जाएगी। पहाड़ की रीढ़ कही जाने महिलाएं आम आदमी पार्टी में फ्रंट फुट पर दिख सकती है। बहरहाल आप का पूरा ध्यान पहाड़ के चेहरों को अपने साथ जोड़ने पर है। राजनीतिक विश्लेषकों का भी यही मानना है कि आप के पास तीसरा विकल्प बनने की काफी संभावनाएं हैं। आप उत्तराखंड को ध्यान में रख रणनीति बना रही है, लेकिन इसमें कितना दम है ये नई कार्यकारिणी के गठन के बाद ही पता चल सकेगा। दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी ने प्रदेश की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इस ऐलान को लेकर बीजेपी और कांग्रेस ने कोई खास प्रतिक्रिया अब तक नहीं दी, लेकिन भीतरखाने दोनों ही पार्टियों में बेचैनी साफ नजर आ रही है।