image: Load testing on Tehri Garhwal Dobra Chanti Bridge

गढ़वाल: देश के सबसे लंबे सिंगल लेन सस्पेंशन ब्रिज पर हुई लोड टेस्टिंग, जल्द शुरू होगा सफर

देश के सबसे लंबे पुल डोबरा-चांठी सस्पेंशन ब्रिज की फाइनल लोड टेस्टिंग आज की जा चुकी है। आज पुल पर तकरीबन 15-15 टन वजन वाले लोडेड ट्रक खड़े किए गए।
Oct 4 2020 7:32PM, Writer:Komal Negi

तकरीबन 14 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार टिहरी जिले समेत पूरे उत्तराखंड के हिस्से में एक अनोखा तोहफा आने वाला है। राज्य का बहुप्रतीक्षित ब्रिज अब बनकर तैयार हो चुका है और इसकी लोड टेस्टिंग भी शुरू हो चुकी है। जी हां, हम बात कर रहे हैं टिहरी झील के ऊपर बने डोबरा-चांठी पुल की। इसका निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और देश के सबसे लंबे डोबरा-चांठी सस्पेंशन ब्रिज की फाइनल लोड टेस्टिंग भी आज की जा चुकी है। आज डोबरा-चांठी पुल पर तकरीबन 15-15 टन वजन वाले लोडेड ट्रक खड़े किए गए जिससे पुल की क्षमता का अंदाजा लग सके। इससे विशेषज्ञ पुल के ऊपर पड़ने वाले दबाव के बारे में पता लगा सकेंगे और पुल की क्षमता के बारे में भी इससे पता लग पाएगा।

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड चारधाम यात्रा करने आ रहे श्रद्धालुओं के लिए जरूरी खबर, जारी हुआ नया आदेश
यह ट्रायल आज से शुरू हो चुका है, इसलिए आज का दिन टिहरी जिले के लोगों के लिए बेहद खास साबित हुआ है। जिस दिन का टिहरी निवासी 14 सालों से इंतजार कर रहे थे वह दिन आखिरकार आज आ ही गया। पुल अपने संचालन की ओर एक कदम और आगे बढ़ गया है। यह टेस्टिंग का आखिरी स्टेज होगा। इसके बाद पुल का संचालन शुरू हो जाएगा। डोबरा-चांठी सस्पेंशन ब्रिज जो कि भारत का सबसे बड़ा पुल साबित होगा इसकी फाइनल लोड टेस्टिंग की प्रक्रिया बीते 21 सितंबर से शुरू हो चुकी है। इसकी फाइनल लोडिंग के लिए लोनोवि ने कोरियाई इंजीनियर जैकी किन को बुलाया गया है। फिलहाल टेस्टिंग की प्रक्रिया चल ही रही है और अगर सब सामान्य रहा एवं जैकी किन की मंजूरी मिली तो अक्टूबर से ही भारत के सबसे लंबा पुल पर वाहनों का संचालन शुरू हो जाएगा

यह भी पढ़ें - गढ़वाल: DM की कोशिश रंग लाई..एडवेंचर गेम से मिलेगा रोजगार, 8 युवा ट्रेनिंग के लिए रवाना
बता दें कि डोबरा-चांठी झूला पुल का निर्माण बीते वर्ष 2006 में शुरू हुआ था, मगर साल 2010 में डिजाइन फेल होने के बाद इसका निर्माण कार्य बंद करना पड़ा। तब तक पुल के ऊपर 1.35 करोड़ रुपए की लागत लग चुकी थी। उसके बाद 2016 में लोनिवि निर्माण खंड ने 1.35 करोड़ की लागत से एक बार फिर से पुल का निर्माण शुरू किया। अब यह पूरा होने के कगार पर है। बस मंजूरी मिलते ही पुल पर वाहनों का संचालन शुरू हो जाएगा। उम्मीद करते हैं कि टिहरी जिले समेत सभी उत्तराखंड के लोग जो भारत के इस पुल पर आवाजाही करने के लिए बेताब हैं उनका सपना जल्द पूरा हो और उनको जल्द ही इस सस्पेंशन ब्रिज की सौगात मिले।


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home