image: Rare kite in Devsari of Tehri Garhwal

गढ़वाल में पहली बार नजर आया दिन में उड़ने वाला दुर्लभ पतंगा, इसकी खूबियां बेमिसाल हैं

इससे पहले साल 1893 में अंग्रेज लेखक जीएफ हैंपसन ने एक किताब लिखी थी। उस किताब में इस दुर्लभ पतंगे को नैनीताल में देखे जाने का जिक्र है। अब ये पतंगा टिहरी की वादियों में मंडराता दिख रहा है।
Oct 10 2020 5:52AM, Writer:कोमल नेगी

उत्तराखंड में दुर्लभ जीवों का अद्भुत संसार बसता है। जैव विविधता के लिए मशहूर उत्तराखंड से लगातार अच्छी खबरें मिल रही हैं। इसी कड़ी में एक बड़ी खबर टिहरी जिले से आई है। जहां देवलसारी स्थित श्रीदेव सुमन तितली पार्क में दिन में उड़ने वाला दुर्लभ पतंगा नजर आया। पार्क के चयाणा खड्ड में इस पतंगे को बड़ी संख्या में देखा गया। वन्यजीव सप्ताह के दौरान टिहरी गढ़वाल क्षेत्र में इस दुर्लभ पतंगे का दिखना उत्तराखंड के लिए बड़ी उपलब्धि है। इस पतंगे का नाम एचिलूरा बाइफासियाटा है। गढ़वाल क्षेत्र में इसे पहले कभी नहीं देखा गया। इससे पहले साल 1893 में अंग्रेज लेखक जीएफ हैंपसन ने एक किताब लिखी थी। उस किताब में इस दुर्लभ पतंगे को नैनीताल में देखे जाने का जिक्र है। अब ये पतंगा टिहरी की वादियों में मंडराता दिख रहा है। देवलसारी में दिन में उड़ने वाले पतंगे का दिखना जैव विविधता के लिहाज से बड़ी उपलब्धि है। जिसका श्रेय क्षेत्रीय युवाओं के संगठन देवलसारी पर्यावरण संरक्षण एवं तकनीकी विकास समिति को जाता है। युवाओं के इस संगठन ने पांच साल पहले देवलसारी में वन पंचायत के जंगल को पनपाने का बीड़ा उठाया। इस जंगल में श्रीदेव सुमन तितली पार्क भी बनाया गया है। जहां अब पक्षियों की अलग-अलग प्रजातियों के साथ ही रंग-बिरंगी तितलियां मंडराती नजर आती हैं। आगे पढ़िए

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पक्षी और तितली प्रेमी बड़ी संख्या में इनके अद्भुत संसार को करीब से निहारने के लिए देवलसारी पहुंचते हैं। चार दिन पहले समिति के अरुण गौड़ ने श्रीदेव सुमन तितली पार्क के चियाणा खड्ड क्षेत्र में दुर्लभ पतंगा देखा। इस इलाके में रात को उड़ने वाले पतंगे बड़ी संख्या में हैं, लेकिन दिन में उड़ने वाला पतंगा पहली बार दिखा। अरुण ने इसके बारे में तितली ट्रस्ट के संजय सोंधी को जानकारी दी। उन्होंने खुद देवलसारी जाकर इस खूबसूरत पतंगे को देखा और इसके बारे में जानकारी जुटाई। उन्होंने बताया कि एचिलूरा बाइफासियाटा नाम का ये पतंगा गढ़वाल क्षेत्र में पहली बार देखा गया है। इसका दिखना क्षेत्र के लिए शुभ संकेत है। इस पतंगे के यहां निवास करने से पता चलता है कि क्षेत्र की जैव विविधता और ज्यादा सशक्त हुई है। इससे पहले देवलसारी में पहली बार टोनी राजा नामक तितली की प्रजाति भी दिखी है। क्षेत्र में दुर्लभ तितलियों की मौजूदगी से वन्यजीव प्रेमी बेहद उत्साहित हैं।


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