उत्तराखंड: लॉकडाउन खुलते ही लापता हो गईं हल्द्वानी की 14 लड़कियां..जांच में पुलिस भी हैरान
लॉकडाउन के दौरान जो लड़कियां घरों में कैद थीं, वो लॉकडाउन खुलते ही अचानक गायब हो गईं। पुलिस इन 14 लड़कियों को किसी तरह ढूंढ कर लाईआगे पढ़िए पूरी खबर
Nov 27 2020 5:44PM, Writer:Komal Negi
कोरोना और इसके चलते लगे लॉकडाउन ने लोगों की जिंदगी पूरी तरह बदल दी। लॉकडाउन में जब ज्यादातर लोग घरों में कैद थे, ठीक उसी वक्त हल्द्वानी में रह रही कुछ लड़कियां अपने घर के ‘लॉकडाउन’ को तोड़कर बाहर निकलने का प्लान बना रही थीं। लॉकडाउन खुलते ही उन्हें ये मौका भी मिल गया। अनलॉक की शुरुआत होते ही हल्द्वानी में घरों में बंद 14 लड़कियां घरों से अचानक गायब हो गईं। आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर माजरा क्या है। दरअसल लॉकडाउन में घरों में बंद ये लड़कियां मौका मिलते ही अपने प्रेमियों संग फरार हो गईं। जागरण की खबर के मुताबिक परिजनों ने पुलिस थानों में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज करा दी। कई महीनों की मशक्कत के बाद जब पुलिस इन लड़कियों तक पहुंची तब भी कई पापड़ बेलने पड़े। प्रेमी संग फरार हुई लड़कियों को जैसे-तैसे सखी वन स्टाप सेंटर पहुंचाया गया।आगे पढ़िए
यह भी पढ़ें - गढ़वाल: 1 महीने पहले खत्म हुई छुट्टी, पत्नी से किया लौटने का वादा..बॉर्डर पर शहीद हुआ वीर सपूत
सखी वन स्टाप सेंटर में कई दिन तक काउंसलिंग चली। जिसके बाद कुछ लड़कियां घर लौटने को तैयार हो गईं, तो वहीं कुछ ने घर जाने से साफ इनकार कर दिया। बरामद लड़कियों को पुलिस ने वन स्टॉप सेंटर कठघरिया में भेजा। बरामद लड़कियों की उम्र 14 से 30 साल है। पुलिस ने बताया कि एक लड़की सिर्फ 14 साल की थी तो वहीं कुछ लड़कियां 30 साल की भी थीं। कई लड़कियां घर जाने को तैयार ही नहीं हुईं। हल्द्वानी की ही एक 18 साल की लड़की ने काउंसलिंग के दौरान कहा कि प्रेमी संग जाने में बुराई क्या है। हम अपनी मर्जी से गए थे। घरवालों ने जबरदस्ती गुमशुदगी दर्ज करा दी। सखी वन स्टाप सेंटर की प्रबंधक और काउंसलर सरोजनी जोशी ने बताया कि बरामद लड़कियों का सबसे पहले कोरोना टेस्ट कराया गया। कुछ लड़कियों को घर भेजने के लिए उनकी कई बार काउंसलिंग की गई। परिजनों को भी खूब समझाया गया, तब कहीं जाकर बरामद लड़कियों को उनके घर भेजा जा सका।