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उत्तराखंड: कभी प्रोफेसर थे देहरादून के नए SSP योगेंद्र सिंह रावत..जानिए उनके बारे में कुछ खास बातें

आपको जानकर हैरानी होगी कि डॉ. योगेंद्र सिंह रावत लंबे समय तक श्रीनगर स्थित गढ़वाल यूनिवर्सिटी में फिजिक्स के प्रोफेसर के रूप में कार्यरत रहे हैं। अब उन्हें दून जिले की जिम्मेदारी दी गई है।
Dec 21 2020 6:24PM, Writer:Komal Negi

आईपीएस योगेंद्र सिंह रावत को राजधानी देहरादून का एसएसपी बनाया गया है। इस तरह अब राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत के कंधों पर होगी। इससे पहले वो टिहरी जिले में सेवाएं दे रहे थे। अब उनकी जगह टिहरी जिले की जिम्मेदारी एसडीआरएफ की सेनानायक रहीं तृप्ति भट्ट को दी गई है। दूनवासियों को जिले के नए कप्तान से ढेरों उम्मीदें हैं। डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने दून में पुलिसिंग में सुधार के लिए जो कदम उठाए थे, उम्मीद है मौजूदा कप्तान योगेंद्र सिंह रावत उन प्रयासों को आगे बढ़ाएंगे..चलिए अब आपको दून के नए एसएसपी बनाए गए आईपीएस योगेंद्र सिंह रावत के बारे में कुछ रोचक बातें बताते हैं। आईपीएस योगेंद्र सिंह रावत मूलरूप से चमोली के रहने वाले हैं। उनका जन्म एक पुलिस परिवार में हुआ। उनके पिता की सर्विस क्योंकि श्रीनगर में थी। इसलिए योगेंद्र सिंह रावत का बचपन यहीं बीता। उनकी शिक्षा भी श्रीनगर में हुई। आगे पढ़ें

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साल 1987 में योगेंद्र रावत ने श्रीनगर गढ़वाल यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में एमएससी पूरी की। साल 1993 में उन्होंने पीएचडी भी कर ली। आपको जानकर हैरानी होगी कि डॉ. योगेंद्र सिंह रावत लंबे समय तक श्रीनगर स्थित गढ़वाल यूनिवर्सिटी में फिजिक्स के प्रोफेसर के रूप में कार्यरत रहे हैं। उन्होंने स्टूडेंट्स को पढ़ाया है। डॉ. योगेंद्र सिंह रावत हमेशा प्रशासनिक सेवा में जाना चाहते थे। इसलिए वो साइंस की पढ़ाई के साथ-साथ प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी भी करते रहे। साल 1997 में उन्होंने पीसीएस परीक्षा पास कर पुलिस सेवा में एंट्री मारी। पुलिस अधिकारी के तौर पर उन्हें पहली पोस्टिंग उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में मिली। वो यहां क्षेत्राधिकारी के तौर पर कार्यरत रहे। बाद में उन्होंने हरिद्वार के मंगलौर और नैनीताल के रामनगर में क्षेत्राधिकारी के तौर पर सेवाएं दीं। इसके अलावा वो 31 बटालियन पीएसी रुद्रपुर के उप सेनानायक भी रह चुके हैं। टिहरी में सेवाएं देने के बाद अब उन्हें राजधानी देहरादून में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई है।


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