खुशखबरी: देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेस-वे निर्माण का रास्ता साफ..सिर्फ ढाई घंटे का होगा सफर
देहरादून से दिल्ली तक के 180 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य को अब वन्यजीव बोर्ड की ओर से भी हरी झंडी मिल गई है।
Jan 10 2021 9:31PM, Writer:Komal Negi
देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेसवे बनने का रास्ता अब पूरी तरह साफ हो चुका है। देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेसवे बनने के बीच में कुछ अड़चनें आ रही थीं जो कि अब हट चुकी हैं। भारतीय वन्यजीव बोर्ड की ओर से भी आखिरकार इस परियोजना को हरी झंडी दिखा दी है। देहरादून और दिल्ली के निवासियों को जल्द ही एक अनोखी सौगात मिलने वाली है। कई घंटों का बोरिंग सफर अब इस एक्सप्रेस-वे के कारण मात्र ढाई घंटे का हो जाएगा और देहरादून से दिल्ली मात्र ढाई घंटे में ही पहुंचा जा सकेगा। यह एक्सप्रेसवे देहरादून से सहारनपुर शामली और बागपत होते हुए फिर दिल्ली से जुड़ेगा। देहरादून से दिल्ली तक के 180 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे बनाया जाना है और 3 महीने के अंदर इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
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दरअसल देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेसवे के लिए पिछले साल जनवरी में ही मंजूरी दे दी गई थी मगर एक्सप्रेस वे का कुछ हिस्सा राजाजी पार्क और कुछ हिस्सा उत्तर प्रदेश के वन क्षेत्र का है। इसी को देखते हुए एनएचआई ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से वन्यजीव बोर्ड से सहमति लेने का आग्रह किया था। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेइस सुहाग ने बताया कि देहरादून के निकट डाट काली मंदिर के पास से इस सीमा की सुरंग का निर्माण किया जाना है और तकरीबन ढाई हजार साल पुराने वृक्षों को काटने का अनुमान भी लगाया जा रहा है। लंबे समय से वन्यजीव बोर्ड की सहमति लेने की कोशिश की जा रही थी। आखिरकार वन्यजीव बोर्ड में सहमति जता दी है। इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण में उत्तर प्रदेश के गणेशपुर से लेकर देहरादून के बीच तकरीबन 20 किलोमीटर के हिस्से में राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क और शिवालिक एलीफेंट रिजर्व पार्क आ रहे हैं और इसमें एक जंगल भी है और इस जंगल के अंदर तकरीबन ढाई हजार पेड़ों के कटने का अनुमान भी लगाया जा रहा है। हालांकि अब वन्यजीव बोर्ड ने भी इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए हरी झंडी दे दी है और अब इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के सभी रास्ते खुल चुके हैं।
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उत्तराखंड के वन मंत्री हरक सिंह रावत का कहना है कि यह एक्सप्रेस वे दिल्ली और देहरादून के बीच की सड़क मार्ग से आवागमन को आसान बनाएगा और यह प्रदेश के लोगों के लिए वरदान साबित होगा। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण में पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचे। अगले 3 महीनों के भीतर इसका काम शुरू हो जाएगा। 2023 जनवरी तक अक्षरधाम से ईस्टर्न पेरिफेरल बागपत बॉर्डर तक छह लेन का यह एक्सप्रेसवे बनकर तैयार हो जाएगा जिसके बाद देहरादून से दिल्ली की दूरी आधे से भी कम रह जाएगी और मात्र ढाई घंटे में दून से दिल्ली तक का सफर तय हो सकेगा। इस पूरे एक्सप्रेस-वे के निर्माण के पहले चरण में 1065 और दूसरे चरण के निर्माण में 1325 करोड़ रुपए खर्च होंगे।