चमोली आपदा: सुरंग के बाहर मालिक का इंतजार कर रहा है कुत्ता...बीते 72 घंटे से वहीं खड़ा है
आपदा के बाद जब ब्लैकी साइट पर पहुंचा तो ये जगह अजनबियों से भरी हुई थी। मौके पर मची अफरा-तफरी के बीच सुरक्षा बलों ने ब्लैकी को भगाने की कोशिश की, लेकिन वो सुरंग के बाहर डटा रहा।
Feb 11 2021 2:14PM, Writer:Komal Negi
तपोवन जल विद्युत परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग में फंसे तीन इंजीनियरों समेत 35 कर्मचारियों तक पहुंचने की कोशिशें जारी हैं। जिन लोगों के ‘अपने’ सुरंग के भीतर फंसे हैं, वो भूख-प्यास भूलकर पथराई आंखों से अपनों के लौटने की बाट जोह रहे हैं। इन लोगों के अलावा कोई और भी है, जिसे अपने मालिकों के वापस लौटने का इंतजार है। हम बात कर रहे हैं ब्लैकी की। पहाड़ी कुत्तों की बहादुरी और वफादारी के किस्से दुनियाभर में मशहूर हैं और ब्लैकी इनका जीता-जागता गवाह है। एक तरफ सुरंग में फंसे लोगों को निकालने के लिए ड्रोन और रिमोट सेंसिंग इक्यूपमेंट की मदद ली जा रही है, तो वहीं सुरंग के बाहर एक कुत्ता पिछले 4 दिन से अपने मालिकों का इंतजार कर रहा है। दरअसल तपोवन प्रोजेक्ट में काम करने वाले लोगों का कुत्ते से बेहद लगाव हो गया था। ये लोग काम के दौरान उसे खाने के लिए देते थे। साथ ही उसकी देखभाल भी करते थे। आपदा के समय यह कुत्ता यहां मौजूद नहीं था, लेकिन जब वह लौटा तो साइट का नजारा बिल्कुल बदला हुआ था। जो लोग यहां दिखते थे, वो कहीं नहीं थे। आपदा में सुरक्षित बचे 34 साल के राजेंद्र सिंह कहते हैं कि जब हम सुरंग में काम करते थे तो ब्लैकी हमारे साथ ही रहता था। हम उसे खाना देते थे। शाम को जब हम लौटते तो ब्लैकी भी यहां से चला जाता था। ब्लैकी की उम्र दो साल है। उसका जन्म प्रोजेक्ट साइट के पास हुआ था।
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रविवार को आपदा के बाद जब ब्लैकी साइट पर पहुंचा तो ये जगह अजनबियों से भरी हुई थी। उस सुबह बचाव दल ने ब्लैकी को दूर भगाने की कोशिश की। मौके पर भारी मशीनरी लाई जा रही थी और चारों तरफ अफरातफरी थी, लेकिन कई बार भगाने के बावजूद ब्लैकी बार-बार वापस आ जाता। वो सुरंग के बाहर से जाने को तैयार ही नहीं था। ब्लैकी अब भी सुरंग के बाहर अपने मालिकों के वापस लौटने का इंतजार कर रहा है। ईश्वर करे सुरंग में फंसे सभी लोग सुरक्षित हों। उनके परिजनों और ब्लैकी का इंतजार जल्द खत्म हो जाए।