उत्तराखंड से दुखद खबर..ड्यूटी पर घायल हुए सेना के जवान का निधन
सैन्य सम्मान के साथ किया गया पिथौरागढ़ के निवासी और असम राइफल्स के जवान महेंद्र सिंह मेहता का अंतिम संस्कार। दो मासूम बच्चों, वृद्ध मां और पत्नी ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई।
Mar 8 2021 7:44PM, Writer:Komal Negi
पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट से एक बेहद बुरी खबर सामने आ रही है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के मूल निवासी और असम राइफल्स के जवान 36 वर्षीय महेंद्र सिंह मेहता ने लंबे उपचार के बाद दम तोड़ दिया। वे अपने पीछे अपनी बिलखती हुई वृद्ध मां, पत्नी और दो मासूम बच्चों को छोड़कर चले गए हैं। सिमलकोट गांव के निवासी और असम राइफल्स के जवान महेंद्र सिंह मेहता 28 दिसंबर को गंभीर हादसे का शिकार हो गए थे और तब से ही उनका उपचार चल रहा था। उम्मीद थी कि वे जल्द ही ठीक हो जाएंगे मगर शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। लंबे समय से चल रहे उपचार के बाद उनका निधन हो गया है। बीते शनिवार को मृतक जवान का शव उनके पैतृक गांव में लाया गया जहां पर रामेश्वर घाट पर सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। बता दें कि सिमलकोट गांव के मूल निवासी महेंद्र सिंह मेहता लंबे समय से घायल चल रहे थे और उनका उपचार चल रहा था। जिंदगी और मौत के बीच जूझते हुए महेंद्र सिंह मेहता जिंदगी की जंग हार गए और उन्होंने मृत्यु को गले से लगा लिया। वे असम राइफल्स में तैनात थे और बीते शनिवार को मृतक का शव उनके पैतृक गांव लाया गया जहां पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया और उन को अंतिम विदाई दी गई।
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उनके परिजनों ने यह सपने में भी नहीं सोचा था कि उनके परिवार के ऊपर ऐसी मुसीबत आन पड़ेगी। उनकी मृत्यु के बाद से उनकी मां उनकी पत्नी और उनके दोनों बच्चों का करुण क्रंदन थमने का नाम नहीं ले रहा है। महज 36 वर्षीय महेंद्र सिंह मेहता 15 असम राइफल्स इंफाल मैं तैनात थे। वे 28 दिसंबर को एक गंभीर हादसे का शिकार हो गए थे। 28 दिसंबर वह दिन था जब उनका ड्यूटी के दौरान पैर फिसल गया जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए। बता दें कि उनके सिर पर गहरी चोटें आई थीं जिसके बाद उनका सेना अस्पताल में उपचार चल रहा था और बीते 4 मार्च को वे जिंदगी की जंग हार गए और उन्होंने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। आपको बता दें कि उनकी वृद्ध मां भगवती देवी एवं पत्नी ममता मेहता उनकी मृत्यु के बाद से ही बेसुध हो रखे हैं और उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इंफाल में 15 असम राइफल्स के कर्नल परीक्षित दहिया एवं सूबेदार जसवीर सिंह ने मृतक जवान को सलामी दी और उसके बाद उनके शव को हेलीकॉप्टर से देहरादून लाया गया। इसके बाद देहरादून से शनिवार की सुबह जवान का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव गंगोलीहाट के सिमलकोट में लाया गया।
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जैसे ही मृतक महेंद्र सिंह मेहता का शव उनके घर पर पहुंचा उनकी वृद्ध मां भागुली देवी अपने आंसू रोक नहीं पाईं और उनके परिजनों के बीच में कोहराम मच गया। उनकी मां और उनकी बीवी बार-बार बेसुध हो रही हैं। वहीं सेना के जवानों ने परिजनों का ढांढस बंधाया। तहसीलदार दिनेश एवं राजस्व उप निरीक्षक विजय शाह ने भी मृतक जवान के घर पर पहुंच कर उनको श्रद्धांजलि दी। इसके बाद महेंद्र सिंह मेहता का शव रामेश्वर घाट लाया गया जहां पर गढ़वाल 6 राइफल के सूबेदार अनिल भंडारी के नेतृत्व में जवानों ने मृतक जवान को अंतिम सलामी दी और पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर मृतक जवान के चाचा त्रिलोक सिंह मेहता एवं बड़े भाई शंकर सिंह मौजूद रहे और उन्होंने ही जवान को अग्नि दी। थाना अध्यक्ष दिनेश बल्लभ, एसआई प्रकाश पांडे, राजस्व उपनिरीक्षक संजय पंवार, कांस्टेबल राकेश बोरा समेत बड़ी संख्या में वहां पर लोग मौजूद रहे। सभी को मृतक जवान के परिवार की चिंता सताई जा रही है। मृतक जवान की पुत्री की उम्र 10 वर्ष और छोटे बेटे अर्पित की उम्र 7 वर्ष है। दोनों मासूमों के सिर पर से पिता का साया हमेशा हमेशा के लिए उठ चुका है।