उत्तराखंड में महामारी घोषित हुआ ब्लैक फंगस, कोरोना के बीच तेजी से फैला संक्रमण
उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के केसों में तेजी से बढ़ोतरी होना बेहद चिंताजनक है जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने इस बीमारी को महामारी घोषित कर दिया है। पढ़िए पूरी खबर
May 22 2021 7:17PM, Writer:Komal Negi
पूरे प्रदेश भर में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर हाहाकार मचा रही है और लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। लोग तीव्रता से इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। कोविड के खिलाफ यह जंग दिन-प्रतिदिन मुश्किल साबित हो रही है। मगर यह जंग केवल कोरोना वायरस तक सीमित नहीं है। अब कोरोना के साथ ही एक और गंभीर समस्या ने दस्तक दे दी है जिस वजह से स्वास्थ्य विभाग परेशानी में आ रखा है। कोरोना से जूझ रहे और रिकवर हुए लोगों के बीच ब्लैक फंगस तेजी से देखने को मिल रही है जो कि जानलेवा भी साबित हो रही है। यह एक प्रकार का जानलेवा फंगस होता है जो कि अधिकांश समय घातक साबित हो रहा है और लोगों की जान ले रहा है। इसी बीच उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में बढ़ते हुए ब्लैक फंगस के केसों को देखते हुए इस बीमारी को महामारी घोषित कर दिया है। जी हां, अब कोरोना के साथ ही इस फंगस को भी महामारी का नाम दिया जा चुका है।
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आपको बता दें कि उत्तराखंड में ब्लैक फंगस का पहला मरीज बीती 21 मई को एम्स ऋषिकेश में सामने आया था और उसके बाद से ही राज्य में अब तक कई लोग इस फंगस की चपेट में आ चुके हैं और तब से संक्रमितों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। महामारी घोषित होने के बाद सरकार ने सभी जिला अधिकारियों समेत मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को सख्त से सख्त कदम उठाने के निर्देश दे दिए हैं और इस फंगस को रोकने के लिए एक्शन लेने के आदेश भी दे दिए हैं। इस फंगस की दवा की बात करें तो राज्य सरकार का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के पास इस फंगस की पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध हैं और यूएस नगर एवं हरिद्वार में इस फंगस के लिए दो बड़ी फैक्ट्रियां भी स्थापित की गई हैं जो कि बड़ी संख्या में इस फंगस की दवाईयों का उत्पादन कर रहीं हैं।
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एम्स ऋषिकेश में बीते शुक्रवार को इस फंगस के कारण दो और मरीजों की मृत्यु हो गई है। बीते शुक्रवार को ऋषिकेश एम्स के अंदर एक 64 वर्षीय व्यक्ति और एक अन्य महिला की मृत्यु हो गई है। एम्स ऋषिकेश में वर्तमान में 51 मरीजों का इलाज चल रहा है। बता दें कि एम्स ऋषिकेश के अंदर अब तक इस फंगस के 57 केस सामने आ चुके हैं जिनमें से 5 मरीजों की मृत्यु हो गई है। वर्तमान में अस्पताल के अंदर 51 मरीजों का इलाज चल रहा है। वहीं ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए एम्स ऋषिकेश के अंदर अलग से म्यूकर वार्ड तैयार किया गया है और इसमें मेडिकल विभागों के 15 एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम तैनात की गई है। इसी के साथ वार्ड में उपचार के लिए सभी आवश्यक उपकरणों एवं दवाइयों की व्यवस्था भी कर दी गई है।