उत्तराखंड: अस्पताल स्टाफ मंजू को सैल्यूट..गुटका खाकर थूकने वालों से वसूला 50 हजार जुर्माना
महिला अस्पताल की नर्सिंग अधीक्षिका मंजू कैड़ा को हम लेडी सिंघम कहें तो गलत नहीं होगा। गुटका खाकर जगह-जगह थूकने वालों को मंजू कैड़ा खूब सबक सिखा रही हैं। पढ़िए उनके बारे में
Jun 1 2021 9:53AM, Writer:कोमल नेगी
कोरोना संक्रमण का दौर है। महामारी अधिनियम लागू है। इसके तहत सार्वजनिक स्थान पर थूकना मना है। जहां-तहां थूकते पकड़े जाने पर जुर्माने के साथ छह महीने की सजा का भी प्रावधान है, लेकिन लोगों की आदत नहीं सुधर रही। सरकारी दफ्तरों से लेकर अस्पतालों तक में लोग जगह-जगह थूकते दिख जाते हैं। कुछ समय पहले हल्द्वानी के महिला अस्पताल में भी ऐसे नजारे आम थे, लेकिन अब यहां की दीवारें थूक की पिचकारी से रंगी नजर नहीं आतीं, और इसका श्रेय जाता है अस्पताल की सहायक नर्सिंग अधीक्षिका मंजू कैड़ा को। जिन्होंने दो साल के भीतर जगह-जगह थूकने वाले 500 से ज्यादा लोगों का चालान कर उनसे 50 हजार रुपये से अधिक का जुर्माना वसूला। आज हर कोई मंजू कैड़ा की मिसाल देता है। मंजू कहती हैं कि पहले मैं जब भी अस्पताल पहुंचती थी, तो लाल थूक देखकर मन खिन्न हो जाता था। इस थूक से टीबी, कैंसर के अलावा कोरोना जैसी बीमारी का भी खतरा है, लेकिन लोग सुधरते नहीं। ऐसे में मुझे लगा कि कुछ करना चाहिए।
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मंजू ने सोचा कि अगर मैं तंबाकू खाने वालों को रोक सकूं तो आधी बीमारी दूर हो जाएगी। इसी सोच ने उन्हें रास्ता दिखाया और वो तंबाकू निषेध अधिनियम के तहत चालान का सहारा लेकर थूकने वालों से जुर्माना वसूलने लगीं। थूकने वालों पर 50 रुपये से 500 रुपये तक जुर्माना लगाया। मंजू कहती हैं कि ये काम आसान नहीं है। उनके परिचित कई बार उन्हें ऐसा करने से रोकते हैं, कहते हैं कि क्यों फालतू के चक्कर में पड़ी हो, लेकिन मेरा मन नहीं मानता। मंजू के इस काम की विभागीय अधिकारी भी खूब सराहना करते हैं। इससे पहले मंजू कैड़ा रुद्रपुर के अस्पताल में भी थूकने वालों के धड़ाधड़ चालान काटने के लिए चर्चा में रही हैं। मंजू कैड़ा चालान काटने के साथ ही लोगों को तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों के बारे में भी बताती हैं। राज्य समीक्षा मंजू कैड़ा जैसी निर्भीक महिलाओं को सैल्यूट करता है, जो कि समाज में बदलाव लाने के लिए जी-जान से जुटी हुई हैं, आप भी उनका हौसला बढ़ाएं।