देहरादून: चीतल के सींग, बंदूक और कारतूस के साथ वकील समेत 4 लोग गिरफ्तार
देहरादून के तिमली रेंज में जानवरों का शिकार करने आए एक वकील समेत चार लोग गिरफ्तार कर लिए गए हैं और चारों के पास से बंदूक,कारतूस और चीतल के सींग बरामद किए गए हैं। पढ़िए पूरी खबर-
Jun 6 2021 7:39PM, Writer:Komal Negi
भारतीय संविधान हर नागरिक के साथ-साथ यह जानवर को भी जीने का अधिकार देता है। वन्यजीवों का शिकार भारत में पूर्णतः प्रतिबंधित है और जानवरों के शिकार को लेकर देश में कई सख्त नियम और कानून बनाए गए हैं। मगर उसके बाद भी कई लोग मौका देख कर मासूम जानवरों का शिकार करने निकल पड़ते हैं। देहरादून में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। देहरादून के विकास नगर में वन विभाग की टीम ने तिमली रेंज के जंगलों से जानवरों का शिकार करने के आरोप में एक वकील समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। वन विभाग की टीम ने चारों के पास से बंदूक, कारतूस और चीतल के सींग बरामद कर लिए हैं। बता दें कि चारों जानवरों का शिकार करने के लिए जंगलों में आए थे। वकील समेत चारों लोगों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और चारों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। चलिए आपको पूरे मामले की जानकारी देते हैं। दरअसल देहरादून की तिमली रेंज की रेंजर अधिकारी पूजा रावल हाल ही में बीते शुक्रवार की रात को तकरीबन ढाई बजे अपनी टीम के साथ जंगल में गश्त कर रही थीं। तभी अचानक उनको जंगलों के बीचों-बीच गाड़ी के अंदर चार लोग दिखाई दिया उसके बाद गश्त कर रही टीम ने उन्हें घेराबंदी कर धर दबोच लिया। चारों में से एक व्यक्ति के हाथ में 12 बौर की बंदूक दिखाई दी। जब वन विभाग को शक हुआ तब उन्होंने गाड़ी की जांच की और गाड़ी की तलाशी लेने पर खून, चीतल का सींग और कारतूस बरामद किए गए।
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वन विभाग की टीम ने चारों को गिरफ्तार कर लिया। चारों में से एक व्यक्ति एडवोकेट है जिसकी पहचान अजब सिंह तोमर के रूप में हुई है। वकील के अलावा तीन आरोपी और भी हिरासत में लिए गए हैं जिनकी पहचान अजब सिंह चौहान, जवाहर सिंह चौहान और आशीष उनियाल के रूप में हुई है। तीनों की गाड़ी से सर्च लाइट भी मिली है जिसको अंधेरे में इस्तेमाल किया जाता है। आपको बता दें कि सख्ताई से पूछताछ करने के बाद आरोपियों ने दो दिन पहले शिकार करने की बात वन विभाग के आगे कबूल कर ली है। इसी के साथ सभी आरोपियों के मोबाइल भी सीज कर लिए गए हैं। उनके पास से बरामद खून को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। इसी के साथ यह भी पता है लगाया जा रहा है कि क्या यह चारों किसी गिरोह से तो नहीं जुड़े हुए हैं।चारों आरोपियों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और चारों को जेल में भेज दिया गया है। वन विभाग इस पूरे मामले की गहराई से जांच पड़ताल कर रहा है और इस पूरे मामले के अन्य पहलुओं की जांच भी कर रहा है।