देहरादून में पहली बार दिखी दुर्लभ यलो मॉनिटर लिजर्ड..जानिए इसके बारे में खास बातें
देहरादून में पहली बार दिखी दुर्लभ प्रजाति की यलो मॉनिटर लिजर्ड। चौंकाने वाली बात है कि यह पीली विशालकाय छिपकली केवल गंगा के मैदानी क्षेत्रों में ही पाई जाती है।
Jun 7 2021 1:09PM, Writer:Komal Negi
राजधानी देहरादून से एक बड़ी खबर सामने आई है। देहरादून में पहली बार दुर्लभ प्रजाति की यलो मॉनिटर लिजर्ड मिली है। दून में यह दुर्लभ प्रजाति की छिपकली मिलने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। राजधानी क्षेत्र में यलो मॉनिटर लिजर्ड का पाया जाना खुद में ही चौंकाने वाली बात है। भारतीय वन्यजीव संस्थान के सरीसृप विज्ञानियों का कहना है कि यलो मॉनिटर लिजर्ड सिर्फ गंगा के मैदानी क्षेत्र में ही पाई जाती है और राजधानी क्षेत्र में येलो लिजर्ड के मिलने के बाद सभी अधिकारी भी असमंजस में आ रखे हैं। आपको बता दें कि देहरादून में बिंदाल पुल के पास यह दुर्लभ प्रजाति की विशालकाय पीली छिपकली देखी गई और लोगों की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और छिपकली को जंगलों में छोड़ दिया। भारतीय वन्यजीव संस्थान के वरिष्ठ सरीसृप विज्ञानी डॉ अभिजीत दास का कहना है कि यह यलो मॉनिटर छिपकली भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की उस श्रेणी में शामिल है जिसमें शेर, बाघ आदि शामिल हैं।
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इस छिपकली को मारने पर कड़ी सजा का प्रावधान भी है। यह छिपकली दुर्लभ प्रजाति की होती है और इनकी संख्या बेहद कम है। आपको बता दें कि यह छिपकली अन्य छिपकलियों की तरह जहरीली नहीं होती है मगर लोग इस को बेहद जहरीला मानते हुए अमूमन मार देते हैं। विज्ञानी डॉ अभिजीत दास के मुताबिक देश भर में मॉनिटर लिजर्ड की 4 प्रजातियां पाई जाती हैं और यलो मॉनिटर लिजर्ड की संख्या उन चारों प्रजातियों में सबसे कम है। इसलिए इनके संरक्षण पर जोर दिया जाता है।यह सिर्फ गंगा के मैदानी क्षेत्र में ही पाई जाती है। ऐसे में देहरादून में इस छिपकली का पाया जाना चौंकाने वाला विषय है। मॉनिटर लिजर्ड की दूसरी प्रजाति में डेजर्ट मॉनिटर लिजर्ड आती है जो केवल सूखे स्थानों पर जैसे कि राजस्थान और गुजरात के रेगिस्तानी इलाकों में पाई जाती है। तीसरी प्रजाति वाटर मॉनिटर लिजर्ड है जो आकार में सभी मॉनिटर लिजर्ड से काफी बड़ी होती है और यह दक्षिणी राज्यों के साथ ही श्रीलंका में भी पाई जाती है। तो वहीं चौथी प्रजाति बंगाल मॉनिटर लिजर्ड है जो देश के ज्यादातर राज्य में पाई जाती है। आपको बता दें कि देहरादून के बिंदाल पुल के पास दुर्लभ प्रजाति की विशालकाय पीली छिपकली देखे जाने के बाद वहां के लोग बेहद चौक गए और उन्होंने बिना किसी देरी के वन विभाग को पीली छिपकली मिलने के बारे में सूचित किया। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और उसको पकड़ कर सकुशल जंगल में छोड़ दिया।