image: bridge collapsed in dehradun in 3 years

कमीशन कु मीट भात: ‘देहरादून का पुल 3 साल में ही धंस गया, इससे शर्मनाक और क्या होगा

शुक्र है कि घटना के वक्त पुल से कोई वाहन नहीं गुजर रहा था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। पुल के धंसने के बाद लोनिवि की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
Jun 17 2021 11:43AM, Writer:Komal Negi

उत्तराखंड में विकास के नाम पर बन रही सड़कों और पुलों का बुरा हाल है। घटिया सामग्री से बनी सड़कें जहां एक बरसात भी नहीं झेल पातीं तो वहीं पुल भी बनने के कुछ ही दिन बाद धंसने लगते हैं। डराने वाली ऐसी ही तस्वीरें राजधानी देहरादून से आई हैं। जहां साल 2018 में एप्रोच रोड पर बना पुल बनने के तीन साल बाद ही धंसने लगा है। ये पुल थानों रोड पर बडासी के पास बना है। इसकी रायपुर की तरफ वाली एप्रोच रोड पर बुधवार दोपहर को धंसाव देखने को मिला था, यह धंसाव धीरे-धीरे बढ़ने लगा और देर शाम को एप्रोच रोड का एक हिस्सा पूरी तरह ध्वस्त हो गया। शुक्र है कि घटना के वक्त रोड से कोई वाहन नहीं गुजर रहा था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। पुल के धंसने के बाद लोनिवि की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। इस पुल का निर्माण अक्टूबर 2018 में इन्वेस्टर्स समिट शुरू होने से कुछ ही समय पहले कराया गया था।

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बताया जा रहा है कि अधिकारियों पर एप्रोच रोड को जल्द से जल्द बनाने का दबाव था। इसलिए काम चलाऊ काम किया गया। एप्रोच रोड को ऊपर से तो पक्का कर दिया गया, लेकिन इसके भीतर की मिट्टी कच्ची ही रही। थानों रोड पर पिछले तीन साल में 3 पुल बनाए गए हैं और सभी का हाल बुरा है। इससे पहले इस रोड पर रायपुर की तरफ वाले पहले पुल की एप्रोच रोड पर भी धंसाव हो गया था। तब मामले की जांच बैठाई गई थी। कुछ अभियंताओं को निलंबित भी किया गया, लेकिन बाद में सभी को फिर बहाल कर दिया गया। अब यहां पुल की एप्रोच रोड फिर ध्वस्त हो गई है। मामले की सूचना मिलने पर अधिकारियों ने क्षतिग्रस्त हिस्से का निरीक्षण किया। अधिशासी अभियंता जेएस रावत ने कहा कि ध्वस्त हिस्से की मरम्मत का काम गुरुवार से शुरू किया जाएगा। पुल की एप्रोच रोड इतनी जल्दी कैसे ध्वस्त हो गई, इसकी जांच की जा रही है।


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