उत्तराखंड: हरिद्वार जाने से पहले ये नियम जरूर पढ़ लीजिए, वरना मुश्किल में पड़ जाएंगे आप
गुरु पूर्णिमा पर हजारों श्रद्धालु हरिद्वार में रहने वाले अपने गुरुओं का पूजन करने आते हैं, लेकिन इस बार भक्तों को गुरु का आशीर्वाद लेने के लिए 72 घंटे पूर्व की कोविड नेगेटिव रिपोर्ट साथ लानी होगी।
Jul 23 2021 6:06PM, Writer:Komal Negi
प्रदेश में कोरोना के केस कम हो रहे हैं, लेकिन सरकार किसी तरह की लापरवाही की छूट नहीं देगी। मसूरी-नैनीताल जैसे पर्यटक क्षेत्रों में आने वालों के लिए गाइडलाइन जारी की जा चुकी है। गुरुवार को हरिद्वार प्रशासन ने भी गुरु पूर्णिमा पर्व के लिए गाइडलाइन जारी कर दी। अगर आप गुरु पूर्णिमा के अवसर पर हरिद्वार आने की सोच रहें हैं, तो गाइडलाइन का विशेष ध्यान रखे। इसके अनुसार कोरोना के खतरे को देखते हुए 24 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पर्व स्नान सांकेतिक होगा। हरिद्वार में श्रद्धालुओं के गंगा स्नान पर रोक लगाई गई है। श्री गंगा सभा और तीर्थ पुरोहित ही सांकेतिक रूप से पूजन कर स्नान करेंगे। हालांकि श्रद्धालु गुरुओं का आशीर्वाद लेने हरिद्वार आ सकते हैं, इसके लिए उन्हें 72 घंटे पूर्व की आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट साथ लानी होगी। कुल मिलाकर बात ये है कि श्रद्धालु हरिद्वार आ सकते हैं, लेकिन गंगा में स्नान नहीं कर सकते।
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हरिद्वार में कल हरकी पैड़ी समेत सभी घाटों पर पुलिस की कड़ी चौकसी रहेगी। कांवड़ मेला स्थगित होने के बाद हरिद्वार जिले के बॉर्डर पर पुलिस की सख्ती बढ़ा दी गई है। 24 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर यहां बड़ी तादाद में पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। बता दें कि गुरु पूर्णिमा पर हजारों श्रद्धालु हरिद्वार में रहने वाले अपने गुरुओं का पूजन करने आते हैं, लेकिन इस बार भक्तों को गुरु का आशीर्वाद लेने के लिए 72 घंटे पूर्व की कोविड नेगेटिव रिपोर्ट साथ लानी होगी। डीएम सी रविशंकर ने गुरुवार को इसके आदेश जारी कर दिए। राज्य सरकार कांवड़ यात्रा पर पहले ही प्रतिबंध लगा चुकी है। अब गुरु पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट के साथ हरिद्वार आने की अनुमति दी गई है, लेकिन श्रद्धालु गंगा में स्नान नहीं कर सकेंगे। हरकी पैड़ी पर पुलिस का कड़ा पहरा रहेगा। बॉर्डर पर भी सुरक्षा बढ़ाई गई है। गुरु पूर्णिमा का पर्व सांकेतिक रूप से मनाया जाएगा।