उत्तराखंड: अपना घर बनाने वालों के लिए खुशखबरी, सरकार ने दे दी बड़ी राहत
विकास प्राधिकरणों में भवन नक्शे पास होने में आ रही कठिनाइयों को देखते हुए सरकार ने इसकी प्रक्रिया का सरलीकरण किया है। आगे जानिए पूरी डिटेल
Jul 29 2021 7:15PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड में आशियाना बनाने की चाह रखने वालों को प्रदेश सरकार ने बड़ी राहत दी है। अब विकास प्राधिकरण से भवन का नक्शा पास कराना आसान हो गया है, इसकी प्रक्रिया भी आसान कर दी गई है। विकास प्राधिकरणों में भवन नक्शे पास होने में आ रही कठिनाइयों को देखते हुए सरकार ने इसकी प्रक्रिया का सरलीकरण किया है। बता दें कि प्रदेश के विकास प्राधिकरणों के काम में सुधार के लिए आवास मंत्री बंशीधर भगत की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई थी। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आवास विभाग ने प्रक्रिया में तीन अहम बदलाव किए है। नई व्यवस्था के अनुसार विकास प्राधिकरण में अब सब डिविजनल शुल्क एक समान 1 फीसदी कर दिया गया है। पहले विकसित क्षेत्रों में डिविजनल शुल्क सर्किल रेट का 1 प्रतिशत तय था, जबकि अविकसित क्षेत्रों में 5 प्रतिशत शुल्क निर्धारित था। नई व्यवस्था लागू होने से प्राधिकरण में शामिल क्षेत्रों में नक्शे की फीस घट जाएगी। बिल्डिंग बायलॉज में 25 प्रतिशत तक छूट का अधिकार स्थानीय जिला विकास प्राधिकरण को दिया गया है। 50 प्रतिशत से अधिक छूट प्रदान करने का अधिकार शासन के पास सुरक्षित रहेगा।
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विस्थापित क्षेत्रों में भवन बनाने वालों को भी बड़ी राहत मिली है। यहां मूल आवंटियों से विकास शुल्क नहीं लिया जाएगा। हालांकि अगर कोई जमीन खरीद कर भवन बनाता है तो उसे विकास शुल्क देना होगा। महायोजना वाले क्षेत्रों में भू-उपयोग परिवर्तन की प्रक्रिया आसान कर दी गई है। चार हजार से दस हजार वर्ग मीटर तक के भूखंड का भू-उपयोग बदलाव का अधिकार जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को प्रदान कर दिया गया है। जबकि 10001 से पांच हजार वर्ग मीटर तक का अधिकार उडा और इससे बड़े भूखंड का भू उपयोग शासन स्तर से बदला जा सकेगा। इसी तरह पीएम आवास योजना के लिए भू-उपयोग परिवर्तन स्थानीय विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में हो सकेगा। आवास मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि सब डिविजन शुल्क कम किए जाने से नए विकसित क्षेत्रों को राहत मिलेगी। छोटी-मोटी कमियों के कारण बड़ी संख्या में लोगों के नक्शे प्राधिकरणों में अटके हुए थे, अब छूट मिलने के बाद नक्शे पास कराना आसान हो जाएगा।