देहरादून: जिस पर है कई युवतियों से रेप का आरोप, अब गिरफ्तार हुआ वो दरिंदा..हुए बड़े खुलासे
नशा मुक्ति केंद्र में हैवानियत की हदें पार, युवाओं को दी जाती थी स्मैक, डंडों से पीटा जाता था, नुकीले स्टूलों पर घंटों बैठाया जाता था, आप भी पढ़कर दंग रह जाएंगे
Aug 9 2021 8:00PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
देहरादून की क्लेमेंटटाउन में स्थित नशा मुक्ति केंद्र की असलियत परत दर परत खुल रही है और हर एक परत के खुलने के साथ ही कई ऐसे राज बाहर आ रहे हैं जिनको सुनकर पुलिस के भी होश उड़ चुके हैं। आरोप है कि नशा मुक्ति केंद्र की डायरेक्टर और संचालक वहां पर मौजूद युवक एवं युवतियों के साथ जानवरों जैसा सलूक करते थे। नशा मुक्ति केंद्र के डायरेक्टर पर केंद्र में मौजूद युवक एवं युवतियों के साथ बेरहमी से मारपीट और उनके साथ घटिया सलून करने का गंभीर आरोप लगा है। आरोप है कि वहां पर मौजूद लोगों के साथ में प्रताड़ना की हद पार कर दी जाती थी। छोटी-छोटी गलतियां करने पर वहां पर मौजूद युवतियों एवं युवकों को कड़ी सजा भुगतनी पड़ती थी। उनको नुकीले स्टूलों पर 5 से 6 घंटे तक बिठाया जाता था। अगर कोई स्टाफ से ऊंची आवाज में बोले तो नुकीली ईंट पर बैठाया जाता था। रात में ड्यूटी करवाई जाती थी, डंडों से पिटाई की जाती थी। आप यह मान लीजिए कि वह किसी नर्क से कम नहीं था। पुलिस में तहरीर देते हुए वहां से भागी हुई एक पीड़िता ने बताया कि उनके साथ जिस प्रकार का सलूक हुआ है वह किसी जानवर के साथ भी नहीं होता। आगे पढ़िए
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अगर उनको अपनी प्लेट धोने में जरा सी भी देर हो जाती थी तो उसके लिए नशा मुक्ति केंद्र के डायरेक्टर उनकी जमकर पिटाई कर देती थी। नशा मुक्ति केंद्र का संचालक विद्या दत्त रतूड़ी लड़कियों के साथ छेड़खानी करता था उनके साथ बदसलूकी करता था। एक लड़की के साथ उसने दुष्कर्म जैसा घिनौना काम भी किया हुआ है। विरोध करने पर उनकी डंडों से बेरहमी से पिटाई की जाती थी जिस कारण वहां पर कोई भी कुछ भी बोल नहीं पाता था। 2 दिन पहले ही नशा मुक्ति केंद्र से भागी चार युवतियों ने संचालक और डायरेक्टर की पोलपट्टी खोलते हुए उनपर आरोप लगाते हुए कहा कि स्टाफ ने सजा के लिए अलग-अलग कोड बनाकर रखे हुए थे। पुलिस केंद्र के अंदर मौजूद 8 सीसीटीवी कैमरा की जांच करेगी और सेंटर की इन सभी बातों की गहराई से जांच-पड़ताल करेगी। पीड़िताओं ने बताया कि उनको खाने में बासी कीड़ों वाली सब्जी दी जाती थी। शिकायत करने पर पिटाई होती थी। तेज आवाज में बोलने पर डंडों से पिटाई के साथ ही नुकीले स्टूल के ऊपर 5 से 6 घंटे बिठाया जाता था। बता दें कि दुष्कर्म के आरोपी संचालक विद्यादत्त रतूड़ी और डायरेक्टर विभा सिंह पहले अजबपुर के एक नशा मुक्ति केंद्र में काम करते थे.
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वहां पर रतूड़ी लड़कों का वॉर्डन था और विभा लड़कियों का सेक्शन देखती थी। इसके बाद उन्होंने फरवरी में क्लेमेंटटाउन में दो मंजिला मकान किराए पर लिया और यहां पर नशा मुक्ति केंद्र की शुरुआत की। किसी को भी इस नशा मुक्ति केंद्र का सच नहीं पता था। ऊपर वाले फ्लोर में 17 लड़कों को रखा गया और नीचे की फ्लोर में 5 लड़कियों को। यहां मौजूद युवक एवं युवतियों ने बताया कि उनको मांगने पर स्मैक भी दी जाती थी। स्मैक की लत छुड़वाने की बजाय उनको वहां पर स्मैक लेने के लिए प्रोत्साहित भी किया जाता था। उनके लिए एक डंडा रखा हुआ था जिससे सब को मारा-पीटा जाता था। पुलिस ने डंडा भी अपने कब्जे में ले लिया है और लड़कियों का मेडिकल करवाया जा रहा है। यहां के इलाज से तंग आकर कुछ युवक एवं युवतियां अपने घर जा चुकी हैं ऐसे में पुलिस इन सभी के बयान दर्ज कर आगे की कार्यवाही करेगी। पुलिस के अनुसार डायरेक्टर विभा सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उधर लंबी ढूंढ खोज के बाद विद्यादत्त रतूड़ी भई गिरफ्तार हो गया है।