उत्तराखंड: 5 पहाड़ी जिलों के लिए खुशखबरी, आपके घर खुद आएगी कोर्ट..मौके पर होगा न्याय
कोर्ट खुद चलकर आएगा घर, उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में शुरू होने जा रही है ई कोर्ट वैन सुविधा।
Aug 14 2021 3:20PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
चौंक गए न आप भी? क्या आपने यह सोचा था कि न्यायालय खुद घर तक पहुंच जाएगा। लोगों को न्यायालय में धक्के खाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। नहीं न? मगर यकीन कर लीजिए क्योंकि यह सपना नहीं बल्कि हकीकत है। जी हां, उत्तराखंड में पहली बार मोबाइल ई कोर्ट वैन का शुभारंभ होने जा रहा है। टेक्नोलॉजी अब इतनी आगे बढ़ चुकी है कि हर चीज ऑनलाइन हो रही है तो अब उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में गवाहों को कोर्ट जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और वे कोर्ट आए बिना घर से ही अपने बयान का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए न्यायाधीश के सामने दर्ज करा सकेंगे। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति आरएस चौहान ने जनता को न्याय दिलाने के लिए यह पहल की है। प्रथम चरण में यह प्रदेश के पहाड़ी जिले टिहरी, चमोली, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी और चंपावत में यह सुविधा शुरू होगी। धीरे-धीरे समस्त प्रदेश में ई-कोर्ट वैन की।शुरुआत की जाएगी ताकि अदालत का समय बचे और लोगों का काम घर बैठे हो जाए और उनको अदालत के धक्के न खाने पड़ें। शुक्रवार को हाईकोर्ट परिसर में पत्रकार वार्ता में उत्तराखंड उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल धनन्जय चतुर्वेदी ने यह खुशखबरी दी। उन्होंने वार्ता में बताया कि मोबाइल ई-कोर्ट का शुभांरभ कल यानी कि 15 अगस्त को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान करेंगे।उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की पर्वतीय भौगोलिक परिस्थितियां खराब हैं ऐसे में लोगों को न्यायालय तक आने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आगे पढ़िए
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इसी को देखते हुए और वादों के त्वरित निस्तारण के लिए यह योजना शुरू की जा रही है। वर्तमान में यह योजना पांच जिलों में शुरू की जाएगी मगर धीरे-धीरे इसका विस्तार होगा और मोबाइल ई-कोर्ट धीरे-धीरे प्रदेश के हर जिले में संचालित होगी। यह वैन सीधा गवाहों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट से जोड़ेगी। ऐसे में दहेज, छेड़खानी दुष्कर्म एवं अन्य वादों में महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों के अलावा केस से जुड़े डॉक्टरों एवं अन्य अधिकारियों को इसका सीधा फायदा मिलेगा और उनको भी कोर्ट के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। मोबाइल ई-कोर्ट में इंटरनेट, कम्प्यूटर समेत कई सुविधाएं होंगी। ऐसे में दूरस्थ क्षेत्रों के गवाह एवं चिकित्सक वैन में बैठकर आसानी से गवाही दे सकते हैं। यह बेहद अनोखी पहल है और उत्तर भारत में पहली बार इस तरह की योजना बनी है। उत्तराखंड से पहले केवल तेलंगाना राज्य में कोविड के दौरान गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए ई-कोर्ट वैन सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही थी। कल 15 अगस्त को मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान द्वारा उत्तराखंड के 5 जिलों में मोबाइल ई कोर्ट का शुभारंभ किया जाएगा।