उत्तराखंड: बकरी बचाने के लिए गुलदार से भिड़ गया नरेश, दंराती से वार कर मार डाला
नैनीसैनी में पास के जंगल में मवेशी चुगाने गए एक ग्रामीण पर गुलदार ने हमला कर दिया, लेकिन युवक ने हिम्मत ना हारते हुए गुलदार का सामना किया
Sep 1 2021 6:36PM, Writer:साक्षी बड़थ्वाल
उत्तराखंड में जंगली जानवरों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। बात अगर राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों की करें तो अब तक जंगली जानवरों से अपनी खेती बचाने के लिए जूझ रहे ग्रामीणों पर अब परिजनों की सुरक्षा का खतरा भी मंडराने लगा है। पर्वतीय इलाकों में जंगली जानवर भरी दुपहरी में भी लोगों पर हमला कर रहे हैं। ताजा मामला पिथौरागढ़ का है यहां नैनीसैनी में पास के जंगल में मवेशी चुगाने गए एक ग्रामीण पर गुलदार ने हमला कर दिया, लेकिन युवक बहादुर निकला। उसने गुलदार के सामने हार मानने की बजाय उससे दो-दो हाथ करने की ठान ली। हिम्मत न हारते हुए युवक ने गुलदार पर दरांती से ताबड़तोड़ तब तक प्रहार किया जब तक की गुलदार ने दम नहीं तोडा। साथ ही आत्मरक्षा के लिए गुलदार को मार गिराने की सूचना युवक ने स्वयं ही वन विभाग को दी
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जानकारी के मुताबिक, नैनीसैनी निवासी नरेश सौन रोज की तरह जानवरों को चराने के लिए जंगल गया था इसी दौरान झाड़ियों में छिपे गुलदार ने उस पर हमला बोल दिया। गुलदार को सामने देख अच्छे-अच्छों की हिम्मत जवाब दे जाती है, लेकिन नरेश डरा नहीं। उसने हाथ में पकड़ी दरांती से गुलदार पर वार करने शुरू कर दिए। और तब तक प्रहार करता रहा जब तक की गुलदार निढाल होकर गिर नहीं गया उसके बाद नरेश ने वन विभाग को घटना की पूरी जानकारी देते हुए बताया कि उसने अपनी जान बचाने के लिए गुलदार से मुकाबला किया। नहीं तो गुलदार उसे अपना शिकार बना लेता। वहीं वन क्षेत्राधिकारी दिनेश जोशी ने बताया कि गुलदार के सिर पर दराती से हमले के निशान मिले हैं और यह मादा गुलदार है, जिसकी उम्र करीबन दो साल है। साथ ही वन क्षेत्राधिकारी दिनेश जोशी ने घटना को लेकर आसपास के ग्रामीणों से पूछताछ की गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, नरेश ने आत्मरक्षा के लिए गुलदार पर हमला किया और गुलदार की मौत हो गई