उत्तराखंड में घुसे चंदन तस्कर, रिटायर्ड आर्मी अफसर के घर से 50 साल पुराने पेड़ साफ
हल्द्वानी में रिटायर्ड कर्नल के घर से तस्करों ने 50 साल पुराने पेड़ की तस्करी को दिया अंजाम
Oct 6 2021 3:39PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
हल्द्वानी में चंदन तस्करों की सक्रियता लगातार बढ़ रही है। चंदन के पेड़ तस्करों की भेंट चढ़ रहे हैं। इत्र बनाने के लिए चंदन का प्रयोग किया जाता है। यही वजह है कि चंदन के पेड़ों की खूब तस्करी होती है। चंदन की तस्करी की ताजी घटना हल्द्वानी के ठंडी सड़क स्थित सेवानिवृत्त कर्नल के घर से सामने आई है जहां तस्करों ने 50 साल पुराने चंदन के दो पेड़ों पर आरी चला दी। सुबह घटना का पता चला। कर्नल के परिवार ने तुरंत ही तस्करी की सूचना भोटियापड़ाव चौकी को सूचना दी। पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है। इससे पहले भी बिठौरिया क्षेत्र निवासी काश्तकार की जमीन पर लगे चंदन के पेड़ काटे गए थे। इस इलाके में चंदन तस्करी की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
यह भी पढ़ें - देहरादून: इंटेलिजेंस ने गिरफ्तार किया फर्जी आर्मी ऑफिसर, सेना की सूचनाएं लीक होने का शक
ठंडी सड़क स्थित पांडे कुटीर निवासी रिटायर्ड कर्नल आलोक पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके आवासीय परिसर में दो चंदन के पेड़ लगे थे। रविवार देर रात तस्करों ने उनके आवासीय परिसर में लगे चंदन के दोनों पेड़ काट दिए। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले भी तस्करों ने उनके आवास से 10-12 पेड़ काट दिए थे। अब सिर्फ दो ही पुराने पेड़ बचे थे।फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है और आसपास के सीसीटीवी की फुटेज खंगाल रही है। कर्नल के मुताबिक 50 साल पहले उनके दादा ने चंदन के काफी पेड़ लगाए थे। तस्कर सभी पेड़ो को पहले ही काट चुके थे। आखिरी के 2 पेड़ बचे थे, तस्करों ने उनको भी काट दिया। पूर्व में पकड़े गए अधिकांश तस्करों का उत्तर प्रदेश के कन्नौज से कनेक्शन पाया गया। क्योंकि वहां वे इत्र बनाने में चंदन का इस्तेमाल करते हैं। हल्द्वानी में लोगों के खेत एवं आवास से कई बार चंदन के पेड़ कट चुके हैं।