देहरादून: डॉक्टर ने पार की लापरवाही की हद, ऑपरेशन के बाद पेट में ही छोड़ी पट्टी
शिक्षक की पत्नी की पिछले साल अक्टूबर में सिजेरियन डिलीवरी हुई थी। इस दौरान डॉक्टर ने पट्टी प्रसूता के पेट में छोड़ दी, इस लापरवाही से महिला की जान भी जा सकती थी।
Oct 15 2021 7:20PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाएं भगवान भरोसे हैं। कहीं अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं, तो वहीं जिन अस्पतालों में डॉक्टर हैं भी, वहां भी लापरवाही चरम पर है। अब देहरादून में ही देख लें। यहां पिछले साल एक महिला की सिजेरियन डिलीवरी हुई थी। आरोप है कि डिलीवरी के दौरान डॉक्टर ने इलाज में इस्तेमाल होने वाली पट्टी प्रसूता के पेट में ही छोड़ दी। महिला की दिक्कत होने लगी तो उसने अल्ट्रासाउंड कराया, जिसमें डॉक्टर की लापरवाही पकड़ में आ गई। इस मामले का उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने इस मामले में स्वास्थ्य महानिदेशक को नोटिस भेजकर चार हफ्ते में रिपोर्ट तलब की है। मामला गांधी शताब्दी अस्पताल से जुड़ा है। पिछले साल 28 अक्टूबर को नेहरू कॉलोनी निवासी एक शिक्षक की पत्नी को यहां डिलीवरी के लिए लाया गया था। डिलीवरी सिजेरियन से हुई थी।
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आरोप है कि ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने प्रसूता के पेट में पट्टी छोड़ दी। दिक्कत होने पर महिला का अल्ट्रासाउंड कराया गया, तब गर्भाशय से पट्टी निकाली गई। इस घटना के बाद पीड़ित पक्ष ने डॉक्टर से संपर्क करना चाहा, पर डॉक्टर नहीं मिली। पीड़ित ने उच्चाधिकारियों से भी शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस मामले में भूपेंद्र कुमार नाम के शख्स ने मानवाधिकार आयोग में शिकायत की थी। शिकायत में उन्होंने इसे गंभीर लापरवाही बताते हुए कहा कि इससे किसी की जान भी जा सकती थी। संभव है ऐसी लापरवाही पहले भी की गई हो। ऐसे में इस तरह के मामले में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। बहरहाल मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में स्वास्थ्य महानिदेशक को नोटिस भेजा है, उनसे 4 हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है।