नहीं रहे उत्तराखंड के पहले पिच क्यूरेटर मोहन सिंह, वर्ल्ड कप के बड़े मैच से ठीक पहले हुई मौत
भारतीय मूल के पिच क्यूरेटर (Uttarakhand first pitch curator Mohan Singh) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
Nov 8 2021 1:05PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड के लिए एक बुरी खबर खेल के मैदान से आई है। प्रदेश के पहले पिच क्यूरेटर मोहन सिंह (Uttarakhand first pitch curator Mohan Singh) नहीं रहे। उनकी अबू धाबी में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। रविवार को जब अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच निर्णायक मैच होना था। ठीक उसी वक्त मोहन सिंह के निधन की खबर आई। जांच एजेंसियां भी सकते में हैं। हर किसी के मन में यही सवाल है कि इस पिच तैयार करने वाले एक्सपर्ट के साथ इतने बड़े मैच से पहले आखिर क्या हुआ। सवाल कई हैं, जिनका जवाब मिलना बाकी है। गढ़वाल के रहने वाले मोहन सिंह वर्ष 2004 से लगातार पिच क्यूरेटर के तौर पर कार्य कर रहे थे। पंजाब क्रिकेट स्टेडियम मोहाली में क्यूरेटर बनने के प्रशिक्षण के बाद सितंबर 2004 में मोहन अबूधाबी गए। वे 1994 से अबूधाबी में ग्राउंड सुपरवाइजर के रूप में कार्यरत थे। मोहन सिंह पिछले 15 साल से अबूधाबी क्रिकेट का हिस्सा थे और शेख जायद स्टेडियम में क्यूरेटर की भूमिका में थे। उनकी मौत को लेकर कई सूचनाएं सामने आ रही हैं। आगे पढ़िए
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स्थानीय प्रशासन के अनुसार न्यूजीलैंड-अफगानिस्तान मैच से ठीक पहले मोहन सिंह अपने कमरे में मृत पाए गए। न्यूजीलैंड-अफगानिस्तान मैच से पहले उन्होंने पिच का जायजा लिया था। इसके बाद उनकी लाश कमरे में फंदे से लटकी मिली। कई रिपोर्ट्स में मोहन सिंह के डिप्रेशन में होने की बात कही जा रही है, हालांकि इसकी वजह क्या थी। ये किसी को नहीं पता। उनके परिवार में पत्नी और बेटी हैं जो जल्द ही अबुधाबी पहुंचेंगी। अबूधाबी क्रिकेट और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। मोहन सिंह (Uttarakhand first pitch curator Mohan Singh) की मौत को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले भी विश्वकप के दौरान ऐसा हो चुका है। 17 मार्च 2007 को पाकिस्तान की टीम के वर्ल्ड कप से हारकर बाहर होने के बाद होटल में उनके कोच बॉब वूल्मर की डेड बॉडी मिली थी। अब मोहन सिंह के साथ अनहोनी हो गई। भारत के नजरिये से एक महत्वपूर्ण मैच से पहले पिच क्यूरेटर की मौत बड़ा संदेह पैदा करती है।