उत्तराखंड के 4 जिलों में बर्फबारी से बढ़ सकती है मुश्किल, शुरू होने वाली है कड़ाके की ठंड
उत्तराखंड के 4 जिलों में बारिश और बर्फबारी (Uttarakhand snowfall) के आसार हैं। माना जा रहा है कि इससे उत्तराखंड में शईतलहर शुरू हो सकती है।
Nov 8 2021 3:21PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
उत्तराखंड में मौसम लगातार करवट ले रहा है। मौसम विभाग द्वारा पहले ही कर अंदेशा जाहिर कर दिया गया है कि इस बार उत्तराखंड को कड़ाके की सर्दी (Uttarakhand snowfall) का सामना करना पड़ सकता है। इस बीच मौसम एक बार फिर से करवट बदलने के मूड में है। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी में मौसम की हर अपडेट पर मौसम विभाग नजर बनाए हुए है। माना जा रहा है कि इन जिलों के कई इलाकों में बर्फबारी हो सकती है। आने वाले एक दो दिनों में मौसम अचानक बदल सकता है। ऐसे में इन जिलों के लोगों को जरा सावधान रहने की जरूरत है। उधर शहरी इलाकों में शीतलहर चलने की प्रबल संभावनाएं हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार मानसून देरी से विदा हुआ। इसके अलावा ‘ला-नीना’ के असर के कारण कड़ाके की ठंड की संभावना बन रही है। इसका असर भी दिखने लगा है। दीपावली की रात इस साल की सबसे सर्द रात रही है। तराई से लेकर पहाड़ तक न्यूनतम तापमान में सामान्य से दो से तीन डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह के मुताबिक दीपावली की रात तराई का अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है।
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ऐसा रहेगा तापमान
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यह सामान्य से दो डिग्री कम है। नवंबर के पहले ही हफ्ते में न्यूनतम तापमान सामान्य से दो से तीन डिग्री नीचे चला गया है। ला-नीना के प्रभाव के कारण तापमान में तेजी से गिरावट शुरू हो गई है। तराई में आने वाले दिनों में तापमान 10 से 12 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। पहाड़ों पर भी न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे जा सकता है। खासतौर पर कई पहाड़ी इलाकों में तापमान माइनस में जा सकता है। देश के कई हिस्सों में तो न्यूनतम तापमान तीन डिग्री तक पहुंच गया है।
ला-लीना का असर
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ला-नीना के असर के कारण मौसम विभाग ने उत्तर भारत के साथ ही उत्तर पूर्व एशिया में ठंड की चेतावनी जारी की है। इस साल प्रशांत क्षेत्र में ला-नीना तेजी से उभर रहा है। इसमें समुद्र का पानी तेजी से ठंडा होना शुरू हो जाता है। बता दें कि समु्द्र का पानी ठंडा होने की प्रक्रिया को ला-नीना और गर्म होने की प्रक्रिया को अल-नीनो कहते हैं। इसका सीधा असर हवाओं (Uttarakhand snowfall) पर पड़ता है।