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उत्तराखंड के 3 गांवों पर नेपाल ने ठोका अपना दावा, जनगणना के लिए भेजी टीमें

नहीं सुधरा नेपाल, सीमा विवाद को फिर दी हवा, पिथौरागढ़ (Pithoragarh Gunji Nabhi Kuti Village Nepal) की सीमा से सटे गुंजी, नाभी व कुटी गांवों पर ठोका अपना दावा-
Nov 17 2021 1:49PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल

नेपाल और भारत का रोटी-बेटी का रिश्ता है। बावजूद इसके नेपाल अपनी हरकतों से बाज नहीं आता। पुराने विवादों को हवा देने में नेपाल (Pithoragarh Gunji Nabhi Kuti Village Nepal) का कोई जवाब नहीं है। पिछले साल 2020 में ओली सरकार ने भारत-नेपाल सीमा से लगने वाले पिथौरागढ़ के गुंजी, कुटी एवं नाभी गांव को अपने मानचित्र में शामिल किया था। इस विवाद ने काफी अधिक तूल पकड़ी थी। तब भारत की तरफ से कड़े विरोध के बाद नेपाल के तेवर ठंडे पड़ गए थे और यह विवाद थम गया था मगर नेपाल ने एक बार फिर सीमा विवाद को हवा दे दी है। अब एक न्यूज रिपोर्ट के हवाल से खबर है कि नेपाल ने एक बार फिर भारतीय क्षेत्र के कालापानी के तीनों गांवों पर अपना दावा जताया है। नेपाली मीडिया के अनुसार पिथौरागढ़ के कालापानी के यह 3 गांव नेपाल के हैं। नेपाल ने इन गांवों की जनगणना के लिए अपनी टीम भेजी, लेकिन भारतीय प्रशासन ने उन्हें रोक लिया। नेपाली मीडिया ने इसे भारतीय अतिक्रमण बताया है। आगे पढ़िए
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नई विवाद को दी हवा

Nepal has declared 3 villages of Uttarakhand as its own
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वहीं भारतीय सीमा से लगे जिन गांवों में नेपाल ने अपना हक जताया है उन गांवों के लोगों के बीच आक्रोश है। बता दें कि बीते 11 नवंबर से नेपाल में जनगणना शुरू हुई है और जनगणना अधिकारी पद्म राज पोडेल द्वारा विवादित बयान में कहा गया है कि दोनों देशों की सीमा पर कालापानी से सटे भारत के गुंजी, नाभी व कुटी नेपाल के हिस्से में आते हैं और उन्होंने इन गांवों पर नेपाल का दावा ठोका है । उन्होंने इन 3 भारतीय गांवों को नेपाल के गांव व्यास पालिका वार्ड न.1 का हिस्सा बताते हुए कहा है कि जब नेपाल की जनगणना टीम गांव में जनगणना करने पहुंची तब वहां नेपाल की जनगणना टीम को जाने की भारत से अनुमति नहीं दी गई। उनकी टीम को प्रशासन द्वारा रोककर वापस लौटा दिया गया। जनगणना अधिकारी ने कहा है कि उन गांवों में जनगणना होना आवश्यक है क्योंकि वे नेपाल के हिस्से में आते हैं। पोडेल ने कहा है कि भारत के कथित कब्जे वाले गांवों में भी जनगणना का कार्य होना है। भारत की अनुमति नहीं मिलने के कारण भारत के कब्जे वाले गांवों में जनगणना शुरू नहीं हो पा रही है। आगे पढ़िए

परेशान हैं 3 गावों के लोग

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नेपाल द्वारा हक जमाने के बाद गुंजी, नाभी व कुटी के ग्रामीण आक्रोश से भर गए हैं। उनका कहना है कि वे हमेशा से अखंड भारत का हिस्सा रहे हैं और रहेंगे। उनको भारत से कोई भी अलग नहीं कर सकता। भारतीय गांव को नेपाल की तरफ से अपना बताए जाने के बाद वहां रह रहे लोगों ने नेपाल को खरी-खरी सुनाई है। भारत के कुटी निवासी हरीश कुटियाल ने कहा भारतीय गांवों पर अपना अधिकार जताकर नेपाल वहां राष्ट्रीय भावना के सहारे नफरत का माहौल बना रहा है। वहीं गुंजी के प्रधान सुरेश गुंज्याल ने कहा कि भारतीय क्षेत्र को अपना बताकर नेपाल जबरन विवाद पैदा कर रहा है। वहीं नाभी के वृजेश नबियाल ने कहा कि नेपाल की चाइना से करीबी व हमेशा से भारत से रही दोस्ती को दरकिनार करने की राजनीति नेपाल (Pithoragarh Gunji Nabhi Kuti Village Nepal) को भविष्य में भारी पड़ेगी।


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