उत्तराखंड: निर्दयी मां-बाप ने खेत में फेंका नवजात बच्चा, पुलिस और डॉक्टर ने दी नई जिंदगी
नवजात (Newborn baby found in Kashipur farm) को उसके परिजन एक खेत में छोड़कर चले गए थे। उसके मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था। समय पर मदद न मिलती तो बच्चे की जान पर बन आती।
Nov 18 2021 9:06PM, Writer:Komal Negi
काशीपुर में जिस अबोध नवजात को उसके परिजन मरने के लिए छोड़ गए थे, उसे अपनाने के लिए अब तक 50 से अधिक परिवार सरकारी अस्पताल पहुंचे हैं। नवजात (Newborn baby found in Kashipur farm) को अस्पतालकर्मियों के रूप में परिवार के साथ एक प्यारा सा नाम भी मिल गया है। जिला बाल कल्याण समिति के सदस्य अमित श्रीवास्तव ने देर शाम अस्पताल पहुंचकर बच्चे का हालचाल पूछा। साथ ही बच्चे का नामकरण कर उसे प्रियांश नाम भी दिया। बता दें कि मंगलवार दोपहर ढकिया गुलाबो में प्रमोद कुमार के खेत में एक नवजात पड़ा मिला था। नवजात के मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था। खेत मालिक ने इसकी खबर पुलिस को दी। पुलिस वक्त पर पहुंची और बच्चे की हालत देखी। इसके बाद बिना देर किए हुए पुलिस ने तुरंत डॉक्टर्स के पास बच्चे को ले जाने की सोची। पुलिस की सहायता से नवजात को एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वो तो धन्य हो डॉक्टर राजीव पुनेठा का, जिन्होंने बच्चे को नई जिंदगी दे दी। आगे पढ़िए
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जी हां.. बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव पुनेठा की देखरेख में नवजात का इलाज चल रहा है। उनका कहना है कि बच्चा अब स्वस्थ है। नवजात की परवरिश के लिए 50 से अधिक परिवार अब तक सरकारी अस्पताल पहुंचे हैं, जिन्हें गोद लेने की पूरी प्रक्रिया से अवगत कराकर वापस भेज दिया गया। सीएमएस डॉ. पीके सिन्हा ने बताया कि बच्चा अब स्वस्थ्य है और डॉक्टर व नर्सों की देखरेख में है। जिला बाल कल्याण समिति के सदस्य अमित श्रीवास्तव ने बताया कि डॉक्टरों ने बच्चे को दो दिन और अस्पताल में रखने की बात कही है। दो दिन बाद उसे दो महीने के लिए बाल शिशु गृह देहरादून या अल्मोड़ा भेजा जाएगा। उसके बाद ही गोद (Newborn baby found in Kashipur farm) लेने की प्रक्रिया की जाएगी। उन्होंने बच्चे की देखभाल के लिए अस्पतालकर्मियों का आभार भी जताया।