उत्तराखंड: लॉकडाउन में शुभम डिमरी ने खोई जॉब, शुरू किया ‘गढ़वाल वेफर्स’..अब शानदार कमाई
कोरोना काल में जॉब गंवाने वाले शुभम ने पहाड़ी मसालों से युक्त नमकीन को अपने रोजगार का जरिया बनाया है। इसकी पैकेजिंग से लेकर ब्रांडिग तक का काम शुभम खुद देखते हैं।
Dec 7 2021 9:31PM, Writer:कोमल नेगी
कोरोना काल हर किसी के लिए मुसीबतें लेकर आया। लाखों लोगों ने जॉब गंवा दी। कुछ लोग हाथ पर हाथ धर कर परिस्थितियों के सुधरने का इंतजार करने लगे तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने आपदा के मौके को चैंलेज की तरह एक्सेप्ट किया और खुद को बेहतर साबित करने में जुट गए। देहरादून के शुभम डिमरी भी ऐसी ही शख्सियत हैं। कोरोना काल में जॉब गंवाने वाले शुभम ने पहाड़ी मसालों से युक्त नमकीन को अपने रोजगार का जरिया बनाया है। इसकी पैकेजिंग से लेकर ब्रांडिग तक का काम शुभम खुद देखते हैं। अपने प्रोडक्ट को शुभम ने नाम दिया है ‘गढ़वाल वेफर्स’ और इसकी थीम है ‘द टेस्ट ऑफ गढ़वाल’। शुभम मूलरूप से रुद्रप्रयाग जिले के ग्राम मुन्ना देवल के रहने वाले हैं। वर्तमान में देहरादून के गुमानीवाला में रहते हैं। साल 2018 में ऋषिकेश से बीएससी करने के बाद उन्होंने प्लास्टिक इंजीनियरिंग में डिग्री ली। शिक्षा पूरी होने के बाद वो सिडकुल हरिद्वार स्थित एक कंपनी में जॉब करने लगे। नौकरी लगे हुए 4 महीने ही हुए थे कि कोरोना का कहर शुरू हो गया।
शुभम डिमरी की सफलता की कहानी
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साल 2020 में शुभम की नौकरी चली गई। शुभम के पिता दुकानों में सामान सप्लाई करने वाले वाहन के चालक हैं। ऐसे में शुभम के मन में आइडिया आया कि क्यों न खुद की ब्रांडिंग वाली नमकीन तैयार की जाए। योजना को धरातल पर उतारने के लिए उन्होंने आस-पास के गांव से पहाड़ी मिर्च, हल्दी, धनिया और पुदीना खरीदा और बिना किसी सरकारी मदद के नमकीन बनाने के साथ ही पैकेजिंग का लघु उद्योग शुरू कर दिया।
अब चल पड़ा काम
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देखते ही देखते काम चल निकला। विशुद्ध पहाड़ी उत्पादों से तैयार नमकीन का जायका लोगों की जुबां पर चढ़ गया। शुभम के व्यवसाय से रिटेलर से लेकर स्थानीय युवाओं तक को फायदा मिल रहा है। इस तरह आपदा को अवसर में बदलने वाले शुभम दूसरे युवाओं के लिए मिसाल बनकर उभरे हैं। फिलहाल उन्होंने दो लोगों को अपने साथ जोड़ा है। वो अपने काम को और बढ़ाना चाहते हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार दे सकें।