उत्तराखंड: यहां 27 साल बाद अस्पताल को मिला डॉक्टर, 20 हजार लोगों ने ली राहत की सांस
Teetari Allopathy Hospital (पिथौरागढ़) में आखिरकार 27 वर्षों के बाद Doctor की हुई नियुक्ति, लोगों के बीच खुशी की लहर
Dec 14 2021 4:23PM, Writer:अनुष्का
पिथौरागढ़ के विकास खंड कनालीछीना के नेपाल सीमा से लगे तल्लाबगड़ क्षेत्र के तीतरी में स्थित 27 वर्षों से चिकित्सालय तो था मगर चिकित्सक नहीं थे। 27 वर्ष के बाद आखिरकार राजकीय एलोपैथी चिकित्सालय तीतरी में चिकित्सक की नियुक्ति हुई है। चिकित्सक की तैनाती न होने की वजह से से नेपाल सीमा से लगे क्षेत्र की 20 हजार की आबादी को उपचार के लिए दस से लेकर साठ किमी दूर तक जाना पड़ता था। अब चिकित्सक की तैनाती के बाद आखिरकार लोगों की जान में जान आई है। दरअसल नेपाल सीमा से लगे तल्लाबगड़ क्षेत्र में वर्ष 1989 में राजकीय ऐलोपैथिक अस्पताल खुला।1995 तक तो इस अस्पताल में पूरा स्टाफ तैनात रहा मगर वर्ष 1995 से वर्तमान समय तक अस्पताल में एक भी चिकित्सक मौजूद नहीं था। अस्पताल केवल फार्मासिस्ट के सहारे चल रहा था। और वो भी एलोपैथिक अस्पताल का कार्य भी आयुर्वेदिक चिकित्सालय के फार्मासिस्ट संदीप डबराल संभाले थे। लोगों को उपचार के लिए 10 किलोमीटर से 60 किलोमीटर दूर यात्रा करनी थी।
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अस्पताल में चिकित्सक नहीं होने के कारण और फार्मासिस्ट को एलोपैथी दवाई की जानकारी न होने की वजह से तल्लाबगड़ के निवासियों को बीमार पड़ने पर उपचार के लिए अस्कोट, डीडीहाट या फिर जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ जाना पड़ता था जो कि तकरीबन 60 किलोमीटर की लंबी यात्रा होती थी। राजकीय एलोपैथी अस्पताल तीतरी में चिकित्सक की तैनाती होने से अब जनता को घर के पास ही उपचार मिलेगा। न केवल जनता का समय बचेगा बल्कि लोगों को आर्थिक नुकसान भी नहीं उठाना पड़ेगा। अस्पताल में लंबे समय से चिकित्सक की मांग की जा रही थी। कई बार ज्ञापन भी भेजे, शिष्टमंडल उच्चाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से मिले। अब जाकर आखिरकार सरकार ने जनता के दर्द को समझा है। तीतरी में स्थानीय दुकानदार भगवान कठायत का कहना है कि जनता की मांग पूरी हुई है । चिकित्सक तैनात हुए और अब जनता की मांग पर भवन भी बनेगा। सरकार ने सीमा छोर पर रहने वालों की समस्या सुनी। वहीं नव नियुक्ति चिकित्सा अधिकारी ऋषभ आर्या का कहना है कि उनको सीमावासियों की सेवा का अवसर मिला है। ग्रामीणों को बेहतर सेवा देने का प्रयास किया जाएगा।