देवर-भाभी की तकरार, रहेगी बरक़रार...सुबोध राकेश ने छोड़ी भाजपा, हाथी पर हुए सवार
तो आखिर भगवानपुर सीट से बीजेपी नेता सुबोध राकेश ने भाजपा का साथ छोड़ ही दिया... भगवानपुर विधानसभा के नेता सुबोध राकेश ने BJP छोड़ कर BSP का दामन थाम लिया है.. पढ़िए
Dec 20 2021 9:27PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नज़दीक आ रहे हैं वैसे-वैसे सियासी गलियारों में हलचल बढ़ती दिखाई दे रही है।अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए नेता भी दलबदल करने की ताक में हैं। उत्तराखंड में भाजपा इस वजह से बड़ी समस्या में आ रखी है। भगवानपुर सीट पर भाजपा के बड़े नेता को लेकर गलियारों में चर्चा कुछ समय से तेज थी। उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले कुछ नेताओं ने भाजपा का दामन थामा तो कुछ भाजपा के नेता कांग्रेस में लौटे। इस दलबदल वाली राजनीति में बहुजन समाज पार्टी का नाम भी शामिल हो गया है। हरिद्वार जिले की भगवानपुर विधानसभा में भाजपा को बड़ा झटका लग गया है। भगवानपुर विधानसभा की बात करें तो पूर्व बीजेपी नेता सुबोध राकेश को लेकर सियासी हलकों में खबरें गर्म थीं कि वह हाथी पर सवार हो सकते हैं।
Subodh Rakesh बीजेपी छोड़ BSP से जुड़े
ये चर्चाएं सच साबित हुईं हैं। सुबोध राकेश बहुजन समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। ये बीजेपी के लिए भगवानपुर सीट पर बड़ा झटका माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि सुबोध राकेश भाजपा से नाराज चल रहे थे। यह मात्र अफवाह नहीं उड़ रही थी बल्कि स्वयं सुबोध राकेश ने भाजपा छोड़ने को लेकर हिंट दिया था। उन्होंने कटाक्ष के अंदाज में कहा था कि भाजपा के पास भगवानपुर में कई बड़े-बड़े नेता मौजूद है जो कि भाजपा को चुनाव जिता सकते हैं। आगे पढ़िए...
दरअसल भगवानपुर सीट पर कांग्रेस बनाम भाजपा की लड़ाई एक ही परिवार के नेताओं के बीच लड़ी जा रही है। साल 2015 में भगवानपुर विधानसभा के उपचुनाव के समय सुबोध राकेश कांग्रेस पार्टी में थे। कांग्रेस से टिकट न मिलने पर 2017 विधानसभा चुनाव से कुछ ही पहले सुबोध ने बीजेपी का दामन थामा था और चुनाव लड़े थे। हालांकि कांग्रेस प्रत्याशी और सुबोध की भाभी ममता राकेश ने यह चुनाव जीत लिया था। उनके भाई स्वर्गीय सुरेंद्र राकेश भगवानपुर के नेता रहे और 2015 में उनके निधन के बाद परिवार के भीतर उनकी विरासत को लेकर एक संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हुई। एक तरफ उनकी पत्नी सियासत के मैदान में आईं तो दूसरी तरफ उनके भाई सुबोध भी। पिछला चुनाव हार जाने के बाद से ही भाजपा में सुबोध को अपनी स्थिति को लेकर कई सवाल उठ रहे थे। इस बार भी विधानसभा चुनाव में टिकट को लेकर अनिश्चितता बनी हुई थी। और अब सुबोध राकेश ने भगवानपुर सीट पर हाथी की सवारी कर ली है। मतलब यही है कि देवर-भाभी एक बार फिर से विधानसभा चुनाव 2022 में आमने सामने होंगे। देखना ये है कि इस बार जीत किसे नसीब होती है।