image: Dalits and Savarnas Finally Eat Together in Champawat

उत्तराखंड: आखिरकार खत्म हुआ स्कूल में दलित-सवर्ण विवाद, छात्रों ने साथ बैठकर खाया खाना

Champawat School Dalit Savarna विवाद आखिरकार थम गया है। छात्रों ने साथ बैठकर भोजन किया। पढ़िए...
Dec 28 2021 9:07PM, Writer:कोमल नेगी

मुख्यमंत्री के दखल के बाद Champawat School Dalit Savarna विवाद सुलझता नजर आ रहा है। सीएम धामी के आदेश के बाद कुमाऊं डीआईजी नीलेश आनंद भरणे मौके पर पहुंचे थे। जहां उन्होंने दोनों पक्षों से बात कर मामला शांत कराने की कोशिश की। ताजा अपडेट ये है कि सोमवार को यहां स्कूल में उपस्थित छात्रों ने भोजनमाता विमला उप्रेती के हाथों से बना भोजन खाया।

आखिरकार सुलझा मामला:

बीते दिन मुख्य शिक्षा अधिकारी चंपावत आरसी पुरोहित के नेतृत्व में उप खंड शिक्षा अधिकारी अंशुल बिष्ट और एपीडी विम्मी जोशी की 3 सदस्यीय टीम भोजनमाता मामले की जांच के लिए सूखीढांग राजकीय इंटर कॉलेज पहुंची थी। इस दौरान कक्षा 6 से 8 तक उपस्थित 66 में से 61 बच्चों ने एक साथ बैठकर भोजन किया। अधिकारियों ने स्कूली बच्चों को आपसी सौहार्द बनाए रखने को कहा है। विद्यालय में अध्ययनरत सभी वर्ग के छात्र-छात्राओं के साथ मुख्य शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी और एपीडी ने फर्श पर बैठकर भोजन किया। इस दौरान स्कूल में 5 छात्र अनुपस्थित रहे। आगे पढ़िए...

अधिकारियों ने बताया कि अनुसूचित जाति के कुछ बच्चे घर से खाना बनाकर लाए थे लेकिन मुख्य शिक्षा अधिकारी व अन्य अधिकारियों के समझाने के बाद वो स्कूल में बना भोजन खाने के लिए राजी हो गए। आपको बता दें कि सूखीढांग के सरकारी स्कूल में सवर्ण बच्चों ने दलित भोजन माता के हाथ से बना खाना खाने से इनकार कर दिया था।

Sukhidhang School Dalit Savarna Case:

मामले ने तूल तब पकड़ा जब दलित महिला को काम से हटा दिया गया। बाद में सामान्य वर्ग की महिला को भोजन माता के पद पर रखा गया, लेकिन इस बार एससी वर्ग के बच्चों ने खाना खाने से इनकार कर दिया। बीते गुरुवार और शुक्रवार को एससी वर्ग के बच्चों ने स्कूल में सामान्य वर्ग की भोजन माता के हाथ से बना भोजन नहीं खाया था। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। बहरहाल अधिकारियों के समझाने के बाद Champawat School Dalit Savarna विवाद खत्म हो गया है। दोनों पक्ष के लोग जातिवाद की भावना को त्यागकर विद्यालय विकास एवं बच्चों के हित में कार्य करने पर सहमत हो गए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व बनी कमेटी ने भोजन माता की नियुक्ति में तकनीकी खामियों की नए सिरे से जांच भी शुरू कर दी है।


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