पहाड़ के टैलेंटेड भाइयों ने कर दिया कमाल, खुद बनाई पानी छूकर बिजली बनाने वाली टरबाइन
स्वदेशी सरफेस हाइड्रोकाइनेटिक टरबाइन शत-प्रतिशत प्रदूषण मुक्त है। जो छोटी पहाड़ी सिंचाई गूल के अलावा नदियों से निकलने वाली छोटी, बड़ी नहरों पर तैयार की जा सकती है।
Dec 31 2021 12:11PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
पहाड़ियों में टैलेंट की कमी नहीं है। बस जरूरत है तो इस टैलेंट को दिशा और प्रोत्साहन देने की। आज हम आपको उत्तराखंड के दो ऐसे भाइयों से मिलाएंगे, जिनके शानदार आविष्कार से देश में विद्युत क्रांति आ सकती है।
दुनिया का पहला स्वदेशी हाइड्रोकाइनेटिक पावर प्लांट:
हल्द्वानी के कालाढूंगी क्षेत्र के पवलगढ़ में रहने वाले इन दोनों भाइयों ने दुनिया का पहला स्वदेशी हाइड्रोकाइनेटिक पावर प्लांट तैयार किया है। जिससे 5 किलोवाट बिजली पैदा हो रही है। नारायण भारद्वाज और बलराम भारद्वाज अब बहते पानी से बिजली तैयार कर रहे हैं। इनके कारनामों की खबर सुनकर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी और रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट इनका प्लांट देखने पहुंचे थे। जो कि एक छोटी सी सिंचाई नहर पर बना है।
सिंचाई नहर के ऊपर बनाई गई टरबाइन केवल पानी की सतह को छूकर बिजली का उत्पादन कर रही है। टरबाइन को चलाने के लिए न तो पानी को रोकने की जरूरत है, और न ही इससे पानी की गति में कोई रुकावट हो रही है। स्वदेशी सरफेस हाइड्रोकाइनेटिक तकनीक से स्टार्टअप तैयार करने वाले नारायण और बलराम की अपनी मेकलेक नाम की कंपनी है। जो पिछले कई सालों से अक्षय ऊर्जा, पर्यावरण प्रबंधन और विभिन्न प्रकार के प्रौद्योगिकी विकास और व्यवसायीकरण पर काम कर रही हैं।
अपने नए प्रोजेक्ट पर दोनों भाई पिछले 8 साल से काम कर रहे थे। इसकी शुरुआत 2013 में हुई थी। नारायण और बलराम बताते हैं कि स्वदेशी सरफेस हाइड्रोकाइनेटिक टरबाइन शत-प्रतिशत प्रदूषण मुक्त है, जो छोटी से छोटी पहाड़ी सिंचाई गूल के अलावा नदियों से निकलने वाली छोटी, बड़ी नहरों पर तैयार की जा सकती है। इसमें बिना बांध बनाए 12 महीने बिजली का उत्पादन किया जा सकता है।
अभी तक भारत में हाइड्रो डैम, कोयले से बिजली उत्पादन के अलावा सोलर एनर्जी के माध्यम से बिजली का उत्पादन हो रहा है, लेकिन सरफेस हाइड्रोकाइनेटिक के माध्यम से बिजली पैदा करने से जहां बिजली उत्पादन में लागत मामूली लगेगी, तो वहीं पर्यावरण को भी किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचेगा। हल्द्वानी क्षेत्र के पवलगढ़ गेस्ट हाउस में नारायण भारद्वाज और बलराम भारद्वाज ने पांच-पांच किलोवाट के तीन प्रोजेक्ट लगाए गए हैं। जिस पर करीब 60 लाख रुपये खर्च हुए। इसमें से करीब 18 लाख रुपये राज्य सरकार ने दिए है। प्लांट के जरिए 15 किलोवाट बिजली तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने भी उनके प्लांट का स्थलीय निरीक्षण कर इस प्रोजेक्ट की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि दोनों भाईयों के प्रोजेक्ट की सफलता बिजली उत्पादन के क्षेत्र में उत्तराखंड के साथ-साथ पूरे देश के लिए कारगर हो सकती है।