गढ़वाल में 2 करोड़ 42 लाख का घपरोल हो गया, चूना लगाकर फुर्र हो गए आरोपी
पुलिस के अनुसार दोनों आरोपी मृतक पेंशनरों की पेंशन अपने खाते में ट्रांसफर कर रहे थे। जिला कोषागार में यह घपला लंबे समय से चल रहा था।
Jan 3 2022 10:06PM, Writer:कोमल नेगी
नई टिहरी के जिला कोषागार में हुए करोड़ों के गबन की जांच एसआईटी को सौंपी गई है। पहले जहां जिला कोषागार में दो करोड़ 21 लाख के गबन की बात कही जा रही थी, तो वहीं अब गबन की धनराशि बढ़कर 2 करोड़ 42 लाख रुपये हो गई है। पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपी लेखाकार जयप्रकाश शाह ने एक अन्य खाते में भी 21 लाख रुपये डाले हैं। बता दें कि कुछ दिन पहले ही टिहरी के जिला कोषागार में दो करोड़ 21 लाख रुपये के गबन का खुलासा हुआ है। यह गड़बड़ी सामने आने पर सहायक कोषाधिकारी ने 25 दिसंबर से गायब चल रहे कोषागार के दो कर्मचारियों सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। तहरीर मिलने के बाद पुलिस ने चारों आरोपियों के बैंक खाते सील कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार आरोपी मृतक पेंशनरों की पेंशन अपने खाते में ट्रांसफर कर रहे थे।
एसआईटी की जांच आगे बढ़ने के साथ ही गबन की धनराशि बढ़कर दो करोड़ 42 लाख रुपये हो गई है। बताया जा रहा है कि यह घपला लंबे समय से चल रहा था। इसका खुलासा तब हुआ जब नैनीताल कोषागार में गड़बड़ी सामने आने पर पेंशन एवं हकदारी निदेशालय ने टिहरी कोषागार को भी जांच कराने के निर्देश दिए। घपले का पर्दाफाश कैसे हुआ, ये भी बताते हैं। दरअसल टिहरी जिला कोषागार में जांच आने पर पेंशन प्रकरण देख रहे कैशियर जयप्रकाश शाह और यशपाल सिंह नेगी 25 दिसंबर को अचानक गायब हो गए। उनका पता नहीं चलने पर परिजनों ने उनकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। इसके बाद सहायक कोषाधिकारी अरविंद सिंह चौहान ने दोनों कर्मचारियों पर दो करोड़ 21 लाख 23 हजार 150 रुपये के गबन का आरोप लगाते हुए 29 दिसंबर की शाम पुलिस को तहरीर दी। लेखाकार जयप्रकाश शाह और यशपाल नेगी के बारे में फिलहाल कुछ पता नहीं चल सका है। दोनों लापता हैं। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है। बैंकों में दोनों लेखाकारों के दूसरे लेन-देन का ब्यौरा भी जुटाया जा रहा है।